जबलपुर, संदीप कुमार | जबलपुर हाईकर्ट ने डिंडौरी में नर्मदा पैरामैडिकल कॉलेज को नियम विरुद्ध ढंग से मान्यता देने पर सख्ती दिखाई गई है। दरअसल, जबलपुर हाईकोर्ट ने एमपी मेडिकल काउंसिल भोपाल पर 50 हजार रुपयों का जुर्माना लगाया है। केवल इतना ही नहीं, कोर्ट ने छात्रों की फीस भी लौटाने का आदेश दिया है। अगर, इसका पालन नहीं किया जाएगा तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
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दरअसल, नर्मदा पैरा मैडिकल कॉलेज ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें यह कहा गया था कि, एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी उसके छात्रों को परीक्षा में नहीं बैठा रही है। मामले पर मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि कॉलेज ने कभी यूनिवर्सिटी से एफिलेशन के लिए आवेदन ही नहीं दिया इसीलिए कॉलेज के छात्रों को परीक्षा में बैठाने का सवाल नहीं उठता। जिसके बाद मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इसके साथ ही र्मदा पैरा मैडिकल कॉलेज को छात्रों की 25-25 हजार रुपयों की फीस लौटाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने ये फैसला कॉलेज की याचिका खारिज करते हुए सुनाया है।
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हाईकोर्ट ने पाया कि एमपी मेडिकल काउंसिल भोपाल ने कॉलेज का निरीक्षण किए बिना उसे मान्यता दे दी थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने कॉलेज की याचिका खारिज करते हुए ना सिर्फ एमपी मेडिकल काउंसिल पर 50 हजार रुपयों का जुर्माना लगाया है बल्कि कॉलेज के सत्र 2018-19 के 50 छात्रों को उनकी फीस भी लौटाने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कहा कि, “कभी भी उक्त शैक्षणिक वर्ष में डिप्लोमा-इन-मेडिकल लैब कोर्स संचालन के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन किया ही नहीं। उन्होंने दलील दी कि नियमानुसार बिना संबद्धता के कोई भी कालेज किसी भी कोर्स में छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकता। इसके बावजूद ऐसा काम किया गया।”
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