जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। नर्मदापुरम के पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर के लापता ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन का शव मिल गया है। उनका शव घटनास्थल से 2 किमी दूर बबूल के पेड़ पर फंसा हुआ था। कैप्टन 15 अगस्त को जबलपुर से पचमढ़ी के लिए कार से निकले थे। बताया जा रहा है कि जबलपुर में भारी बारिश के बीच लेफ्टिनेंट पत्नी से मिलकर वापस पचमढ़ी के लिए निकले थे, उनकी आखिरी लोकेशन नर्मदापुरम जिले के माखननगर में नसीराबाद रोड बछवाड़ा में नदी की मिली थी। ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन की कार बछवाड़ा नदी में मिली थी। यह पुल से करीब 100 मीटर दूर गहरे पानी में थी। कार मिलने के बाद गोताखोर और आर्मी के जवानों के साथ नाव से सर्चिंग की तो बबूल के पेड़ में फंसा शव नजर आया।
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ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन जबलपुर से कार से पचमढ़ी के लिए निकले थे। उनको अगले दिन ड्यूटी पर पहुंचना था। जबलपुर में उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट गोपीचंदा रहती हैं। बताया जा रहा है कि परिवार से मिलने निर्मल शिवराजन जबलपुर गए थे, कर्नाटक के रहने वाले ट्रेनी कैप्टन पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे थे। तीन महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। 16 अगस्त को सुबह 6 बजे उन्हें सेंटर पहुंचना था, वे सेंटर नहीं पहुंचे। ऐसे में कैप्टन की पत्नी लेफ्टिनेंट गोपीचंदा से संपर्क किया गया तो पता चला वे 15 अगस्त को ही कार से दोपहर करीब साढ़े 3 बजे पचमढ़ी के लिए रवाना हो गए थे। 13 अगस्त को कैप्टन पत्नी से मिलने जबलपुर गए थे। 16 अगस्त को सुबह 6 बजे उन्हें सेंटर पहुंचना था। उनकी कार गुरुवार सुबह नदी में मिली, रात 8 बजे पत्नी से उनकी मोबाइल पर आखिरी बार बात हुई थी। जबलपुर से बनखेड़ी, पिपरिया होते हुए पचमढ़ी पहुंचने का सीधा रास्ता है, लेकिन ज्यादा बारिश होने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में वे बाड़ी, बरेली, नसीराबाद मार्ग होते हुए पचमढ़ी जा रहे थे। उन्होंने पत्नी से इस बात का जिक्र भी किया था। ट्रेनी कैप्टन पचमढ़ी नहीं पहुंचे तो अफसरों उनकी लेफ्टिनेंट पत्नी गोपीचंदा से संपर्क किया। इसके बाद पता चला कि वे 15 अगस्त को ही रवाना हो चुके थे। तब उनकी तलाश शुरू की।