Jabalpur News : डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे इस्तीफा मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, विवेक तन्खा ने सरकार पर लगाये गंभीर आरोप

Atul Saxena
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Jabalpur News : छतरपुर जिले के लवकुशनगर में पदस्थ रहीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे तीन महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन शासन ने इसे मंजूर नहीं किया है। वे अपने इस्तीफे को मंजूर किये जाने की मांग को लेकर बीते सोमवार को बैतूल से पदयात्रा करते हुए भोपाल पहुंची थी जहाँ उनके साथ पुलिस की झूमा झटकी में उनके कपडे भी फट गए थे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया था, अब उनका ये मामला हाईकोर्ट में भी पहुँच गया है।

निशा बांगरे मामले में HC में सुनवाई 

दरअसल निशा बांगरे चुनाव लड़ना चाहती हैं, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया, लिहाजा निशा बांगरे ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफा को मंजूर करने के लिए आवेदन दिया था। आवेदन की सुनवाई पर सरकार ने इसके जवाब में कहा था कि निशा के खिलाफ एक जांच पेंडिंग है और जब तक वह जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक वह अपने पद से इस्तीफा नहीं दे सकती और उनका इस्तीफा स्वीकार भी नहीं किया जाएगा।

निशा के वकील विवेक तन्खा की मांग जल्दी ख़त्म हो जाँच 

आज इसी मामले में एक बार फिर सुनवाई हुई,  निशा बांगरे की ओर से सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा हाईकोर्ट पहुंचे, विवेक तन्खा ने निशा बांगरे के लिए इस्तीफा मंजूर करने की मांग की लेकिन सरकार की ओर से फिर यह कहा गया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है ऐसी स्थिति में निशा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। विवेक तन्खा ने निशा बांगरे की ओर से कहा कि जांच जल्द खत्म की जाए और उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए।

विवेक तन्खा ने मुख्य सचिव पर भी साधा निशाना 

गौरतलब है कि आदर्श आचार संहिता लग गई है और यदि जल्द ही इस्तीफा मंजूर नहीं होता है तो निशा बांगरे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। विवेक तन्खा ने यह भी कहा कि ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तरफ से मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव बैटिंग कर रहे हैं और वह जानबूझकर निशा जो कि एक दलित महिला है उसे चुनाव नहीं लड़ने देना चाहते हैं । विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि जिन अधिकारियों की रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन दिया जाता है वह निष्पक्ष नहीं रह पाते और ऐसा देखने में आ रहा है। विवेक तन्खा ने अब इस मुद्दे की शिकायत चुनाव आयोग से करने का मन बना लिया है और उन्होंने मुख्य सचिव को भी चेतावनी दी है कि उनके कार्य प्रणाली शक के घेरे में है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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