Jabalpur News : लड़की से छेड़खानी मामले में हाईकोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा, पढ़ें पूरी खबर

यह सजा देने पर लड़का अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझेगा और एक बेहतर नागरिक बनेगा यदि इसने इन शर्तों का उल्लंघन किया तो इसकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है।

Amit Sengar
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Jabalpur News : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस आनंद पाठक ने भोपाल पिपलानी के रहने वाले एक छात्र को अनोखी सजा सुनाई। दरअसल छात्र के खिलाफ एक नाबालिक छात्रा ने पिपलानी थाने में शिकायत की थी। जिसमें लड़की ने आरोप लगाया था कि लड़का उसका पीछा करता है उसे फोन करके परेशान करता है। लड़के के खिलाफ भोपाल के पिपलानी थाने में पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपी लड़के के लिए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की गई थी।

क्या है पूरा मामला

जमानत के लिए हाईकोर्ट में आरोपी लड़के के पिता और माता भी पहुंचे थे आरोपी लड़के की ओर से कहा गया था कि उसकी पढ़ाई चल रही है और यदि उसकी सजा हो जाएगी तो उसका करियर बर्बाद हो जाएगा लड़के के माता-पिता नहीं लड़के के कृत्य पर माफी भी मांगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश आनंद पाठक ने पूरे मामले को सुना और इसके बाद एक अनोखी सजा सुनाई। जस्टिस आनंद पाठक ने अपने आदेश में कहा कि इस लड़के को एक बेहतर सिटीजन बनने के लिए इसे समाज सेवा की सजा सुनाई जस्टिस आनंद पाठक ने अस्थाई जमानत देते हुए कहा कि आरोपी लड़के को भोपाल के जिला अस्पताल में हर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 तक मरीजों की सेवा करनी होगी, इसके तहत सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों की मदद करनी होगी। अस्पताल की साफ सफाई व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद करनी होगी, रजिस्ट्रेशन के काम में उसे मरीज का सहयोग करना होगा।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद पाठक ने अपने आदेश में लिखा है कि यह सजा देने पर लड़का अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझेगा और एक बेहतर नागरिक बनेगा यदि इसने इन शर्तों का उल्लंघन किया तो इसकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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