जबलपुर| शहर में 23 नवंबर की रात को ढाबा संचालक ऋषि असाटी की गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपियों को जबलपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। दोनों ही आरोपी ऋषभ शर्मा और आशीष काछी को पुलिस ने उस दौरान गिरफ्तार किया जब दोनों इंदौर से सिंगापुर भागने की फिराक में थे। खास बात ये है कि दोनों ही आरोपियों ने अपना-अपना नकली पासपोर्ट भी बनवा लिया था।आरोपी ऋषभ अपनी एक गैंग बनाने की तैयारी भी कर रहा था जिसका उसने बकायदा नाम भी रखा था “रावण गैंग”और अपनी गैंग को ऋषभ सोशल मीडिया में पब्लिश भी कई दिनों से कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक 23 नवंबर की रात को जब ढाबा संचालक ऋषि असाटी रात को अपने घर जा रहा था तभी उसके घर के पहले ऋषभ और आशीष ने रोककर दो लाख रु की रंगदारी मांगी जिस पर ऋषि ने आपत्ति की तो उसे गोली मार दी। घटना के बाद से आरोपी ऋषभ अपने साथी के साथ लगातार फरार चल रहा था।खास बात यह है कि पुलिस जो जानकारी आरोपियों के खिलाफ एकत्रित करती थी वह तमाम बाते आरोपी ऋषभ शर्मा के पास तक पहुंच रही थी।
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी ऋषभ शर्मा ने बताया कि ऋषि असाटी की हत्या करने के बाद वह अपने साथी आशीष को लेकर अंचल नामदेव की गाड़ी से जबलपुर पहुंचे।जहां से दोनों ट्रेन में बैठकर प्रयागराज उत्तर प्रदेश और उसके बाद दिल्ली चले गए। दिल्ली में 1 दिन रुक कर ऋषभ और आशीष पंजाब चले गए।जहां दोनो 10-12 दिन रुकने के बाद हथियार बेचने इंदौर आए हुए थे तभी जबलपुर पुलिस को जानकारी लगी की दोनों ही आरोपी हथियारों को बेचने के बाद सिंगापुर भागने की फिराक में है।पुलिस ने दोनों आरोपियों को इंदौर से गिरफ्तार किया है।महज बाईस साल की उम्र में आदतन अपराधी बन चुका ऋषभ शर्मा हाल ही में जेल से भी छूटा था और जेल से छूटने के तुरंत ही उसने अपनी खुद की एक गैंग बनाने की योजना भी बना डाली। ऋषभ शर्मा अपनी उम्र के लड़कों को गैंग में शामिल भी कर रहा था इसके लिए ऋषभ ने सोशल मीडिया में अपनी गैंग को पब्लिश भी किया।बहरहाल जबलपुर पुलिस ने ऋषि असाटी की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल और कारतूस बरामद कर जांच शुरू कर दी है।