Jabalpur News : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 460 करोड़ रुपए से बनने वाले हाईकोर्ट के नए भवन का शिलान्यास किया। मुख्य कार्यक्रम ट्रिपल आईटीडीएम के ऑडिटोरियम में हुआ। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर राष्ट्रपति का स्वागत किया। जस्टिस शील नागू ने राज्यपाल को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण देश के लिए आवश्यक है। राजनीति में 33% महिला आरक्षण क्रांतिकारी कदम होगा। अभी सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 9% और हाईकोर्ट में सिर्फ 14% हैं महिला जज।
राज्यपाल ने कहा कि मेरा इंदौर और भोपाल जेल में कार्यक्रम हुआ है। वहां देखा गया है कि जेलों में विचारधीन बंदियों की संख्या होती है। यह बंदी अधिकांश सामान्य और गरीब परिवारों के होते हैं। राज्यपाल ने सभी न्यायाधीशों से अनुरोध किया है कि ऐसे बंदियों के मामले की समीक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि अभी इस बिल्डिंग की समय सीमा 3 साल बताई जा रही है लेकिन मैं चाहता हूं कि यह बिल्डिंग जल्द से जल्द बने और जो सुविधा उपलब्ध करानी है उसे करवाया जाए। मैं कहता हूं कि गुनहगार को सजा मिले अच्छी बात है लेकिन किसी निर्दोष को सजा ना मिले।
न्याय लोकतंत्र का आधार है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि आज हम सबके लिए आनंद और प्रसन्नता का दिन है, कि 134 साल पुरानी हमारी हाईकोर्ट की बिल्डिंग थी तब से लेकर अब तक आवश्यकताएं भी बदल गई और जैसा कि जस्टिस रवि मलिमठ जी बता रहे थे कि हमारे पास लंबित केस बहुत ज्यादा है।इसलिए कुछ अत्यधिक व्यवस्थाओं की आवश्यकता थी इसलिए हाई कोर्ट का नया भवन बनेगा। इस बिल्डिंग के लिए जस्टिस रवि मलिमठ जी ने माइक्रो प्लानिंग की है,_उनका यह कहने का मतलब है कि अच्छा भवन बने जो की ठीक से न्याय दें सकें ,इसकी तड़प उनमें दिखी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम लोग हमेशा सोचते रहते हैं कि शीघ्र न्याय मिले, सबको न्याय मिले। चाहे छोटा हो या बढ़ा हो सब को समय पर न्याय मिले। उन्होंने कहा कि हम ऐसा न्याय भवन बनाएंगे जो की आने वाले 134 साल तक फिर भवन की जरूरत ना पड़े। मुख्यमंत्री ने चीफ जस्टिस और अन्य न्यायाधीश से मांग की है कि जिस तरह से कोविड के समय ऑनलाइन सुनवाई होती थी उसी तरह से अब टेक्नोलॉजी और नई व्यवस्थाओं के साथ फैसला लेना चाहिए यह सोचना होगा। सीएम ने लोक अदालत की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में आमने-सामने बैठकर फैसला हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तो ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के अंदर ही न्याय हो जाते हैं, जहां पुलिस की आवश्यकता नहीं पड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गंभीर मामले हैं उसे पर किस तरह से शीघ्र न्याय लोगों को मिल सके, इस पर भी विचार किया जाना चाहिए।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट