Jabalpur : बैंक हड़ताल का असर, कर्मचारी उतरे सड़कों पर

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जबलपुर ,संदीप कुमार। देशभर के सरकारी बैंकों (Public banks) को केंद्र सरकार (central government)अब प्राइवेट करने की तैयारी में है। खास बात ये है कि देश के चार बड़े बैंकों को निजीकरण करने हेतु संसद (Parliament) में प्रस्ताव भी पारित हो गया। लिहाजा ऐसे में देश भर के बैंक कर्मचारियों में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है। इसी कड़ी में आज से देश भर के तमाम सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने दो दिन की काम बंद हड़ताल की है।

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करोड़ रु का लेनदेन होगा प्रभावित
बैंकों के निजीकरण को लेकर जिस तरह से कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन करते हुए 2 दिन की हड़ताल की है। उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि करोड़ रुपए का लेन-देन इस दौरान प्रभावित होगा। वही 2 दिन तक बैंकों में होने वाले काम को लेकर आम जनता को भी परेशान होना पढ़ रहा है।

कर्मचारियों की दो दिन की सैलरी कटेगी
निजीकरण को लेकर देश भर के कर्मचारियों ने काम बंद हड़ताल कर दिया है ऐसे में दो दिन का वेतन इन कर्मचारियों अधिकारियों का कटेगा, बावजूद इसके अपना वेतन कटवाकर इन्होंने हड़ताल की है,जबलपुर के सिविक सेंटर में सभी बैंक कर्मचारी-अधिकारीयो ने धरना दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के उप महासचिव विजय मिश्रा की मानें तो अगर सरकारी बैंकों का निजीकरण होता है, तो ऐसे में गरीब जनता की कमर टूट जाएगी, क्योंकि किसी भी निजी बैंक में खाता खोलने के लिए कम से कम 5 से 10 हजार रु की आवश्यकता होती है जबकि अभी तक सरकारी बैंक में जीरो बैलेंस पर खाता खोला जाता है,वही आम गरीब जनता, किसान मजदूर वर्ग एवं छोटे व्यापारियों को बैंकिंग सुविधा में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा तथा उन पर आर्थिक बोझ आ जाएगा, प्राइवेट बैंकों की सेवा दर अत्याधिक है एवं खातों में औसत जमा राशि भी अधिक है।

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Harpreet Kaur

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