Jabalpur: सड़क पर खुलेआम महिलाओं ने लहराई तलवारें, मूक दर्शक बनी रही पुलिस

Pooja Khodani
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जबलपुर, संदीप कुमार। International Women’s Day के मौके पर आज जहाँ पूरे देश मे महिलाओ के पराक्रम और उनके शौर्य की गाथा लोग गा रहे है तो वही इस महिला दिवस पर आज जबलपुर (Jabalpur) में महिलाओं ने खुले रूप से तलवार लहराकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। ये युवतियां थी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की, जिन्होंने आज एक विशाल रैली निकाली और रैली में जमकर तलवार लहराई।

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दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बैनर तले सैकड़ों युवतियों ने होम साइंस कॉलेज (Home Science College) से रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (Rani Durgavati University) तक एक विशाल वाहन रैली निकाली और इस रैली में नंगी तलवारें भी लहराई। तलवार लहराने को लेकर युवतियों का मानना था कि आज का दिन हमारा है और हम अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं।

जबलपुर (Jabalpur) शहर के होम साइंस कॉलेज से शुरू हुई युवतियों की विशाल वाहन रैली विश्वविद्यालय (College) तक पहुंची ।इस दौरान पूरी वाहन रैली में भारी पुलिस बल भी मौजूद थी,  पर पुलिस युवतियों के द्वारा लहराई जा रही तलवार को अनदेखा करते हुए मूकदर्शक बनी रही।

पुलिस को जानकारी ही नहीं

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले निकाली गई युवतियों की रैली में खुलेआम तलवार लहराई गई, खास बात यह है कि युवतियों के द्वारा तलवार लहराने की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों तक को नहीं है, हालांकि जब मीडिया ने उन्हें तलवार लहराते हुए फुटेज दिखाए तो तब जाकर उन्हें कहा कि इस पूरे मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

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निश्चित रूप से आज विश्व महिला दिवस है और आज के दिन महिलाओं को अपनी ताकत और शौर्य दिखाने का अधिकार है पर जिस तरह से जबलपुर (Jabalpur) में आज बीच सड़क पर युवतियों ने खुले आम तलवारे लहराई है वह कही न कही कानून का उल्लंघन है वही पुलिस (Jabalpur Police) की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं कि महिलाओं की वाहन रैली में आखिर किसने इन्हें तलवार लहराने की अनुमति दी है और अगर अनुमति नहीं है तो फिर अब इन पर क्या कार्यवाही पुलिस के द्वारा की जाएगी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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