जबलपुर में फिर हुई चाकू मारकर हत्या, मामूली विवाद के चलते ली 20 साल के युवक की जान

Gaurav Sharma
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जबलपुर,संदीप कुमार। शराब पार्टी के दौरान हुआ मामूली विवाद और उसके बाद चाकू मारकर हत्या ये घटना जबलपुर से सामने आई है। मानेगांव में जहां सरकारी स्कूल में शराब पार्टी मना रहे युवकों के बीच हुए विवाद के चलते तीन लोगों ने मिलकर एक युवक की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी। मृतक का नाम अमित सरयाम है जो कि गढ़ा का रहने वाला था।इधर सूचना के बाद मौके पर पहुंची रांझी थाना पुलिस ने शुरुआती दौर में अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वही जानकारी के मुताबिक जो लोग अमित के साथ बैठकर शराब पी रहे थे उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

शराब पार्टी में चाकूबाजी

बताया जा रहा है कि गढ़ा का रहने वाला अमित अक्सर अपने बुआ का बेटे अमन ठाकुर जो कि रामपुर में रहता था उसके साथ शराब पार्टी करने मानेगांव अपने मामा के यहां आया करता था। बीती रात भी मृतक और उसके रिस्तेदारो ने साथ में ही सरकारी स्कूल के अंदर बैठकर शराब पी थी। उसी दौरान विवाद में चाकूबाजी हुई है, जिसमे अमित की मौत हो गई।

पुलिस ने संदेहियों को लिया हिरासत में

वारदात के बाद स्थानीय लोगों ने घायल हालत में अमित को रांझी शासकीय अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। इधर सूचना के बाद मानेगांव पहुंची रांझी थाना पुलिस ने शुरुआती जांच कर साथ मे शराब पीने वाले तीन लोगों को हिरासत में ले ली है जो कि मृतक के रिश्तेदार ही लगते है।

सरकारी स्कूल में शराब पार्टी, पुलिस की गश्त में सवाल

मानेगांव शासकीय स्कूल में देर रात लोगों का जमावडा,दूकाने खुली रहना,सरकारी स्कूल के भीतर शराब पीना आम हो गया था। वही पुलिस की गश्त न होने से भी अपराधियो के हौसले बढ़ गए थे। लिहाजा ये घटना सामने आई जिसका की काफी पहले से ही अंदेशा लगाया जा रहा था। बहरहाल रांझी पुलिस तीनो संदेहियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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