जबलपुर: अपनी ही जीत का रिकॉर्ड तोड़ने की ओर राकेश सिंह, 2 लाख से अधिक वोटों से आगे

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जबलपुर| 

एमपी की सभी सीटों पर काउंटिंग जारी है और लगातार एक के बाद एक सीटों पर नतीजे भी सामने आ रहे है। खरगोन के बाद महाकौशल का केंद्र संस्कारधानी कहे जाने वाल जबलपुर में एक बार फिर बीजेपी शानदार जीत की ओर अग्रसर हो रही है। तीन बार लगातार यहां से सांसद रहे राकेश सिंह एक बार और जीत का चौका लगाने वाले है। वे कांग्रेस प्रत्याशी और जाने माने वकील विवेक तन्खा से करीब दो लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रही है। हालांकि अभी आखरी राउंड की वोटिंग होना है।वही आयोग की तरफ से भी अधिकारिक पुष्टी बाकी है।

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खास बात ये है कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह लोकसभा चुनाव में अपनी ही जीत का रिकॉर्ड तोड़ने की और बढ़ गए हैं। इस बार 11 राउंड तक 2 लाख से ज्यादा की लीड ले चुके हैं। जबलपुर लोकसभा से 13वीं राउंड के बाद बीजेपी 556300 और कांग्रेस 267264 मिले है। राकेश सिंह 2 लाख 89 हजार 125 वोट से आगे हैं।उधर कार्यकर्ताओं ने राकेश सिंह की जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया है। जगह जगह मिठाई बांटी जानी लगी है। बैंड बाजा के साथ कार्यकर्ता सड़कों पर निकले की तैयारी कर चुके हैं। मतगणना स्थल पर धीरे धीरे सन्नाटा सा लगने लगा है। कांग्रेस कार्यकर्ता लगभग गायब हो गए हैं।  पिछले चुनाव में राकेश सिंह 2 लाख 8 हजार मतों से जीते थे। 

यह दूसरा मौका है जब तन्खा राकेश सिंह से हारे हो। 2014 में भी तन्खा को मौका मिला था लेकिन वह मोदी लहर में हार गए थे।राकेश सिंह को 5,64,609 वोट (56.34फीसदी) मिले थे तो वहीं विवेक तन्खा को 3,55970 वोट(35.52फीसदी) वोट मिले थे। पिछले चुनाव में तन्खा को इस सीट से 2.1 लाख वोटों से हार मिली थी। लेकिन बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्य सभा भेज दिया। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में यहां अच्छा प्रदर्शन किया है। आठ विधानसभा सीट में से कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत हासिल की है। बावजूद इसके राकेश सिंह अपना दबदबा बनाने में कामयाब रहे और जीत की ओर अग्रसर है।माना जा रहा है इस बार फिर जीत का आकंडा दो लाख के आसपास जा सकता है, हालांकि अभी वोटिंग जारी है और अंतिम घोषणा आयोग को करना है।

आपको बता दे कि जबलपुर लोकसभा सीट पर शुरुआत में कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन, अब यह भाजपा के गढ़ के तौर पर जानी जाती है। 1957, 1962, 1967, 1971 में यह सीट कांग्रेस के पास रही। 1977 में भारतीय लोकदल ने यहां से जीत दर्ज की। 1977 में भारतीय लोकदल के बाद 1984, 1991 में यहां फिर से कांग्रेस ने वापसी की। भाजपा ने 1980, 1989, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 में यहां से जीत दर्ज की। 2009 में भी पार्टी के राकेश सिंह यहां से सांसद चुने गए थे।राकेश सिंह यहां से वर्तमान सांसद हैं, वह बीजेपी के इस समय प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। 2004 से राकेश सिंह इस सीट से जीत रहे हैं। पहले चुनाव में, उन्होंने कांग्रेस के विश्वनाथ दुबे को 99,000 मतों से हराया। 2009 में, कांग्रेस ने वरिष्ठ वकील रामेश्वर नीखरा को मैदान में उतारा, लेकिन वे 1.05 लाख वोटों से हार गए। 2014 में, सिंह ने 2.10 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। 


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