जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में रिश्वत का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधान आरक्षक का नाम रामकुमार बघेल को एसपी अमित सिंह ने तत्काल प्रभाव से आरक्षक को सस्पेंड करते हुए उसे लाइन अटैच कर दिया। बताया जा रहा है कि बुधवार देर शाम एसपी के पास वायरल वीडियो पहुंचा था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई के बाद थाने में हड़कंप की स्थिति है। बताते चले कि बुधवार को प्रधान आरक्षक रामकुमार बघेल का रोहित पाटकर नाम के युवक से रिपोर्ट लिखने के एवज में रिश्वत मांगने का एक वीडियो वायरल हुआ था। फिलहाल पुलिस आरक्षक के खिलाफ जांच कर रही है।
दरअसल, मामला तिलवाराघाट थाने क्षेत्र का है। जहां बुधवार को दर्शल सिवनी टोला के पास दो बाइक की आपस मे भिड़त हो गई। हादसे में सभी को चोटें आईं। 108 एम्बुलेंस की सहायता से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने दोनों बाइक जब्त कर ली थी। एक्सीडेंट के बाद बाइक चालक रोहित तिलवाराघाट थाने शिकायत करवाने पहुँचा था। थाने में जाने में प्रधान आरक्षक बघेल ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया।बाद में जब रोहित ने प्रधान आरक्षक से वजह पूछी तो उसके द्वारा 1500 रु रिश्वत की मांग की गई। थक हारकर शिकायतकर्ता ने पुलिस कर्मचारी को रिश्वत भी दी जहा उसके साथी ने रिश्वत लेते हुए वीडियो बना कर उसे वायरल कर दी।इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस अफसरों को दे दी और एसपी ने इस पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से आरक्षक को सस्पेंड करते हुए उसे लाइन अटैच कर दिया।जबकी एसपी पहले ही निर्देश दे चुके थे, वावजूद इसके लापरवाही की गई।
वायरल वीडियो को एस पी अमित सिंह ने भी देखा और माना कि प्रथम दृष्ट्या हेड कॉन्स्टेबल ने रिश्वत मांगी है और वीडियो में दिख भी रहे | जिसके आधार पर उनकी गलतीं मानते हुए उन्हें निलबिंत किया गया है साथ ही विभागीय जाँच के भी आदेश एसपी ने दिए है। एसपी अमित सिंह ने माना कि इस तरह के कृत्य पुलिस विभाग की छवि को खराब करते है और आज की ये कार्यवाही सीख है उन पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के लिए जो की थाने में अपनी फरियाद लेकर आते है और उनसे रिश्वत की मांग करते है।