जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। लंबे समय से यह बात खुद न्यायपालिका सामने लाती रही है कि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या ज्यादा है लोगो को न्याय पाने लंबा इंतजार करना पड़ता है ऐसे में अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चार लाख से अधिक लंबित मुकदमों में न्याय के इंतज़ार में बैठे लोगों के लिए राहत भरी खबर है कि न्यायालयीन समय में संशोधन किया गया है। कामकाज का समय बढ़ाए जाने से यह उम्मीद जाग गई है कि नए वर्ष में न्याय-प्रक्रिया में तेज़ी आएगी और लंबित मामलों में कमी।
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गौरतलब है कि शीतकालीन अवकाश से पहले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर सहित अन्य ने संयुक्त बैठक में भी इस बात पर चर्चा की गई थी कि लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में लोगो को बहुत ज्यादा इंतज़ार करना पड़ रहा है बैठक में ही चर्चा के दौरान यह निष्कर्ष निकाला गया था कि ऐसा फैसला लिया जाए जिसके बाद लोगो के लिए लंबित मामलों में जल्द न्याय मिले। इसके लिए न्यायालयीन कार्य का समय बढ़ाए जाने का सुझाव रखा था। हालांकि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, इंदौर द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया गया था। इसी वजह से प्रस्ताव पारित होने में समय लग गया। अंतत: हाई कोर्ट ने प्रस्ताव को उपयुक्त पाते हुए स्वीकृत कर लिया। यही नहीं मध्य प्रदेश राजपत्र की अधिसूचना में 31 दिसंबर, 2021 को इसका प्रकाशन भी हो गया। नया नियम शीतकालीन अवकाश की समाप्ति के साथ ही तीन जनवरी, 2022 को प्रथम कार्यदिवस से प्रभावी हो जाएगा।
अब होगा ऐसा
हाई कोर्ट नियम-2008 में संशोधन का सुझाव दिया गया था। जिसे मान्य कर लिया गया है। अब तक हाई कोर्ट में कामकाज का समय सुबह 10.30 से शाम 4.30 तक था। इस बीच विश्राम की अवधि 1.30 से 2.30 बजे तक थी। संशोधन के बाद अब सुबह 10.15 से शाम 4.30 तक न्यायालयीन कार्य होगा। विश्राम की अवधि दोपहर 1.30 से 2.15 तक रहेगी। इस तरह प्रतिदिन 30 मिनिट अतिरिक्त कार्य हो सकेगा।