भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। झाबुआ-रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद बचाव में सफाई देने के लिए सांसद भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे वहाँ मीडियाकर्मियों के कैमरों व उनके पूछे जा रहे प्रश्नों से भागते हुए दिखे। और सांसद ने इस पूरे मसले पर चुप्पी साध रखी है। बता दें कि वे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अपनी सफाई देने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने डामोर को दो मिनट का समय भी नहीं दिया।
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हम आपको बता दें कि भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व संगठन महामंत्री सुहास भगत भी मौजूद थे। और वह डामोर से दो मिनट भी नहीं मिले बताया जा रहा है कि सांसद डामोर सोमवार को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश की बैठक में शामिल होने आये थे। इस दौरान वे मीडिया से बचकर निकल गए। लेकिन डामोर मंगलवार को फिर बीजेपी ऑफिस पहुंच गए। जहाँ मीडिया ने उन्हें घेर लिया था। उनसे करोड़ के घोटाले के आरोपों पर उनसे सवाल करने लगे तो वे भागने लगे। मीडियाकर्मी उनके पीछे-पीछे दौड़ते रहे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। और फिर वह गाड़ी में बैठकर निकल गए।
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दरअसल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अलीराजपुर अमित जैन ने 600 करोड़ रुपए के घोटाले में झाबुआ-रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर, अलीराजपुर के तत्कालीन कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा, पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीरकुमार सक्सेना और अन्य अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए सभी के विरुद्ध सूचना पत्र जारी कर दिए हैं। वहीं, याचिकाकर्ता धर्मेंद्र शुक्ला ने आरोपियों के विरुद्ध करीब छह सौ करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने संबंधी समस्त दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं।
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गौरतलब है कि गुमान सिंह डामोर जब वे इंदौर में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (executive engineer) फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के रूप में पदस्थ थे, तब उन्होंने अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं पाइप सप्लाई मटेरियल खरीदी और अन्य कई योजनाओं के करोड़ों रुपए के बिल स्वयं ही पास कर दिए थे। यह भी आरोप है कि आदिवासी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं किया। इस दौरान इन इलाकों में ना तो कोई हैंडपंप लगे और नहीं यूनिट स्थापना की गई।