झाबुआ, डेस्क रिपोर्ट। भ्रष्टाचार (corruption) विरोधी गतिविधि में संलिप्त ब्रांच मैनेजर 9Branch manager) को विशेष पीसी एक्ट के तहत 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। दरअसल नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक द्वारा ब्रांच मैनेजर पर मुख्यमंत्री आवास योजना (Chief Minister Housing Scheme) के तहत रिश्वत (bribe) लेने के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद विशेष पीसी एक्ट न्यायालय मंडलेश्वर जिला खरगोन द्वारा ब्रांच मैनेजर को 4 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक, सेगांव के तत्कालीन मैनेजर रखडूलाल पगारे के खिलाफ मामले की सुनवाई की गई। जिसमें आरोप लगाया गया था कि लोकायुक्त (Lokayukt) पुलिस इंस्पेक्टर युवराज सिंह चौहान द्वारा ब्रांच मैनेजर पगारे को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में ब्रांच मैनेजर पगारे द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ₹100000 रुपए का लोन स्वीकृत किया गया था।
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वही लोन की रकम अदा करने के बदले ब्रांच मैनेजर पगारे द्वारा हितग्राही से रिश्वत की मांग की जा रही थी। ब्रांच मैनेजर द्वारा 20,000 के अंतिम किस्त जारी करने के बदले ₹3000 रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें लोकायुक्त पुलिस द्वारा जानकारी मिलने पर योजना बनाई गई। जिसके बाद हितग्राही को ₹1000 रिश्वत लेकर ब्रांच मैनेजर के पास भेजा गया। जब ब्रांच मैनेजर पगारे रिश्वत की रकम ले रहे थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
वही न्यायालय ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद ब्रांच मैनेजर पगारे शाखा प्रबंधक नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक को धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही ₹5000 का अर्थदंड और धारा 13 (1) D सहित धारा 13 (2) में 4 वर्ष के सश्रम कारावास सहित ₹10000 अर्थदंड लगाया गया है।