झाबुआ| कांग्रेस (Congress) के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और वर्तमान में झाबुआ (Jhabua) से विधायक कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) के पुत्र विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) ने भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर (BJP MP Guman Singh Damore) पर गंभीर आरोप लगाते हुए वरदान अस्पताल को बंद करने का निर्णय लिया है । उनका कहना है कि भाजपा सांसद व त्रिपुरा हॉस्पिटल के मालिक ओम शर्मा द्वारा उनके अस्पताल के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है|
डॉक्टर विक्रांत भूरिया का कहना है कि उनकी पत्नी भी डॉक्टर है। लोगों को इलाज के लिए गुजरात ना जाना पड़े। इसके लिए अस्पताल खोला था। वे पिछले 8 साल से झाबुआ के मरीज़ों की सेवा कर रहे हैं । राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ राजनीतिक लोग इसे नही चलने देना चाहते| उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें ओम शर्मा ( त्रिपुरा नर्सिंग कॉलेज ) और BJP सांसद गुमान सिंह डामोर की मुख्य भूमिका रही है । विक्रांत भूरिया ने फेसबुक पर पोस्ट कर अस्पताल बंद करने की जानकारी दी|
डॉ. विक्रांत भूरिया ने फेसबुक पर लिखा “मेरे प्यारे साथियों, आप सभी जानते हैं कि हमने किस परिस्थिति में वरदान 8 साल पहले शुरू किया था ।जब कोई भी झाबुआ में अपनी चिकित्सा सेवा नही देना चाहता था कोई निजी अस्पताल नही था … मैंने वरदान को सिर्फ सेवा का माध्यम ही माना है और यही कोशिश करी है कि किसी को दाहोद जाने की ज़रूरत न पड़े और इसी उद्देश्य से पिछले 8 साल से झाबुआ के मरीज़ों की सेवा कर रहे हैं । आज मुझे यह आप सबको बताते हुए दुख हो रहा है की राजनीतिक_स्वार्थ के लिए कुछ राजनीतिक लोग इसे नही चलने देना चाहते … उन्हें किसी से मतलब नही की कौन जिये कौन मरे … इसमें विशेषकर ओम शर्मा जी ( त्रिपुरा नर्सिंग कॉलेज ) और BJP सांसद_गुमान सिंह डामोर की मुख्य भूमिका रही है । कल ऐसे ही एक वाक्या ने मानवता को शर्मसार कर दिया| ” कल एक महिला को जुड़वा बच्चे थे , और डिलीवरी नही हो पाने के कारण EMERGENCY में ऑपेरशन करना बहुत ही ज़रूरी था , पर इन लोगों ने जिला अस्पताल से डॉ सावन को anesthesia देने नही आने दिया गया और फिर उसे इमरजेंसी में Dahod भेजना पड़ा ” … वह मरीज रोते हुए गयी पर हम कुछ नही कर सके ।
उन्होंने आगे लिखा- यह मामला कलेक्टर साहब के भी संज्ञान में लाया गया था , फिर भी कोई मदद नही मिली । ” यह विडंबना है की कोरोना से लड़ने के लिए उन्हें हमारे अस्पताल की ज़रूरत है पर किसी की जान बचाने के लिए वो एक डॉक्टर को हमारे अस्पताल नही भेज सकते ।” इसलिए आज से हमने अपने दिल पर पत्थर रख कर यह निर्णय लिया है कि हम “वरदान हॉस्पिटल झाबुआ बन्द कर रहे हैं ” आप सबने जो स्नेह और प्यार दिया उसके लिए वरदान आपका आभारी रहेगा ।