Jitu Patwari took a Jibe at BJP Regarding Wheat Purchase : लोकसभा चुनाव की तारीख तय होते ही सभी पार्टियों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। इसमें किसानों का सहारा लेते हुए उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही गेहूं के लिए घोषित किए गए समर्थन मूल्य 2700 प्रति क्विंटल के आदेश को तत्काल लागू करने की मांग की है।
पत्र में कही ये बात
दरअसल, जीतू पटवारी ने पत्र में लिखा कि कैबिनेट मीटिंग के जरिए यह जानकारी दी गई थी कि राज्य सरकार गेहूं की खरीदी पर प्रति क्विंटल 150 रुपए का बोनस देगी जोकि रबी सीजन 2024-25 के लिए दिया जाएगा। बता दें कि गेहूं का निर्धारित समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल है और बोनस मिलने के बाद यह 2400 प्रति क्विंटल हो जाएगा। आगे उन्होंने लिखा कि भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं पर 2700 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य का वादा किया था जोकि 20 साल पुरानी सरकार का वादा है, लेकिन मोदी की गारंटी अभी भी पूरी नहीं हो पाई है। वहीं, दिल्ली से एक बार फिर एमपी के किसानों को 125 रुपए की राहत मिल रही है लेकिन यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
मुख्यमंत्री जी, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग चुकी है. आप अपनी सरकार की “कथित” उपलब्धियां को लेकर फिर से जनता के बीच जाएंगे. स्वाभाविक है “मोदी की गारंटी” देने वाले मोदीजी भी मध्यप्रदेश में चुनावी सभा करने आएंगे.
आपसे आग्रह है कि गेहूं के लिए घोषित समर्थन मूल्य ₹2700 प्रति… pic.twitter.com/9EjNIGIOkQ
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) March 21, 2024
“मोदी की गारंटी का कोई मोल नहीं है?”
आगे उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की इनकम को डबल करने का सार्वजनिक वादा किया था जोकि अभी तक डबल नहीं हुई है, लेकिन किसानों का खर्चा चार गुना बढ़ चुका है। देश के किसान गंभीर संकट में है। पत्र में जीतू पटवारी ने आगे लिखा कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग चुकी है और मौजूदा सरकार इन कथित उपलब्धियां को लेकर एक बार फिर जनता के बीच में जाएंगे। वहीं, पीएम मोदी भी राज्य में चुनावी सभा करने आएंगे। इस दौरान किसान उनसे यह जरूर पूछेंगे कि मध्य प्रदेश में धान और गेहूं का समर्थन मूल्य क्यों नहीं दिया जा रहा? क्या भाजपा के लिए अब मोदी की गारंटी का कोई मोल नहीं है? साथ ही राज्य के किसान यह भी जानना चाहेंगे कि गेहूं विक्रय में ₹300 प्रति क्विंटल की शेष राशि के लिए उन्हें किसका दरवाजा खटखटाना होगा।