भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Bye election) से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) सभी वर्गों को साधने की कोशिश में जुटें हुए है और दिल खोल कर घोषणाएं कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने प्रदेश के अधिकारी- कर्मचारियों को त्योहार से पहले बड़ा तोहफा दिया है। दिपावली से पहले सरकार ने सातवें वेतनमान (Seventh pay scale) के लिए तीसरे एरियर की 25 प्रतिशत राशि देने का एलान किया है। सरकार के इस ऐलान के बाद जहां प्रदेश के 4.37 सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है। वहीं इस ऐलान के बाद पूर्व सीएम कमलनाथन (kamalnath) ने इसे चुनावी घोषणा बताते हुए सीएम शिवराज पर निशाना साधा है।
कमलनाथ ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए रुके डीए का भुगतान करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी अपना कर्मचारी विरोधी रवैया छोडि़ए। कोरोना महामारी के इस भीषण संकट काल, त्योहारों और दीपावली को देखते हुए सातवें वेतन आयोग के एरियर की तीसरी किस्त की पूरी राशि कर्मचारियों के खाते में जमा करवाइये, उनके रोके हुए डीए का पूर्ण भुगतान करिये, उनकी रुकी हुई वेतन वृद्धि का पूरा लाभ उन्हें दीजिए ताकि वे अपने परिवार के साथ त्यौहार मना सके।
चुनाव के पहले क्यों आई कर्मचारियों की याद
कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि हमारे कर्मचारी भाइयों- बहनो ने कोरोना के इस संकट काल में चुनौती का सामना कर हरसंभव सहयोग किया है। आपको चुनाव के 14 दिन पूर्व कर्मचारी याद आ रहे है, अभी तक आप कहाँ थे? उन्होंने सरकार पर कर्मचारियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग के एरियर की तीसरी किश्त की मात्र 25प्रतिशत राशि की चुनावी घोषणा कर आप इसे तोहफा बता रहे हैं, यह तो कर्मचारियों के साथ अन्याय है, यह राशि अपर्याप्त है, डीए व वेतनवृद्धि रोककर सातवें वेतन आयोग के एरियर की किश्त की मात्र 25 प्रतिशत राशि देकर आप तो कर्मचारियों के साथ धोखा कर रहे है। आप दीपावली के पूर्व पूरी किस्त का भुगतान करिए, उनके रुके हुए डीए का भुगतान उन्हें करिए ,उनकी वेतन वृद्धि का लाभ उन्हें दीजिए ताकि उनके जीवन में ख़ुशियाँ आ सके सिर्फ़ चुनाव को देखते हुए गुमराह करने का काम ना करे।
गौरतलब है कि कोरोना संकटकाल और लॉकडाउन के चलते शिवराज सरकार ने शासकीय सेवकों के एरियर्स, महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी थी। जिसके बाद से ही कर्मचारियों में आक्रोश था, लेकिन अब उपचुनाव से सरकार ने कर्मचारियों को साधने के लिए उनकी मांगे पूरी कर दी है। जिसे सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।