संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है शिशुओं का परित्याग : ज्ञानेश्वर पाटिल सांसद

Amit Sengar
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खंडवा, डेस्क रिपोर्ट। खंडवा (Khandwa) जिले में आज किलकारी शिशु ग्रह का शुभारंभ स्थानीय सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल (MP Dnyaneshwar Patil) ने किया, उन्होंने इस मौके पर कहा बच्चे के लिए भगवान के बाद मां बाप ही उसके पालन हार होते हैं। उनका दर्जा भी ईश्वर के समकक्ष माना गया है, पर विपरीत परिस्थितियों में या नादानी करने के कारण कई लोग नवजात शिशुओं को यहां वहां जहां जगह मिली वहीं फेंक देते हैं जिससे कई बार उनकी मृत्यु हो जाती है यह हमारा संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है।

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आगे उन्होंने कहा परिस्थिति वश किए गए इस अपराध के लिए शिशु को दंड भोगना पड़ता है इसी को ध्यान में रखते हुए इन परित्याग किए हुए शिशुओं के लालन पालन एवं सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें सुरक्षित हाथों में सौंपा जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से कई योजनाएं बनाई गई हैं। ऐसे शिशुओं को अच्छा पालन पोषण दिलाने के उद्देश्य से जरूरत मान अच्छे परिवारों को गोद दिया जाता है। वर्तमान में खंडवा एवं आसपास के 5 जिलों में परित्याग किए गए शिशुओं को इंदौर शिशु ग्रह में भेजा जाता था, जिसमें कई बार बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिसके मद्देनजर मुख्यालय पर नवनिर्मित किलकारी से शिशु ग्रह एक सराहनीय प्रयास है।

संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है शिशुओं का परित्याग : ज्ञानेश्वर पाटिल सांसद

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स्थानीय विधायक देवेंद्र वर्मा ने महिला बाल विकास विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त किलकारी शिशु ग्रह को एक सुविधा पूर्ण आवश्यकता बताते हुए ओमकारेश्वर के सुश्री ऋतंभरा देवी द्वारा चलाए जा रहे वात्सल्य ग्रह का भी स्मरण एवं उल्लेख किया उन्होंने कहा कि परित्याग किए जाने वाले शिशुओं की सुरक्षा के लिए शासन पूरी तरह कृत संकल्पित है वैसे तो हमारी संस्कृति हमें ऐसे अब मानवीय कार्य की अनुमति नहीं देती, लेकिन कई लोग कुछ अन्पेक्षित परिस्थितियोंवश ऐसा कृत्य करने को मजबूर हो जाते हैं। उसी कमी को पूरा करने के लिए बच्चे को वात्सल्य से परिपूर्ण मातृत्व दिए जाने के लिए योग्य परिवारों को दत्तक दिया जाता है।

इसके लिए सारे नियम कानून एवं संबंधित परिवार की जांच परीक्षण के बाद किसी को दत्तक दिए जाने की प्रक्रिया पूरी होती है किलकारी शिशु ग्रह खंडवा मुख्यालय पर होने से अब ऐसे परित्याग किए गए बच्चों को इंदौर शिशु ग्रह भेजने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी विधायक देवेंद्र वर्मा ने अंत में कहा कि वृद्ध आश्रम हो या ऐसे शिशु ग्रह यह हमारी भारतीय संस्कृति से बिल्कुल मेल नहीं खाते लेकिन जैसे हालात होते जा रहे हैं उन को देखते हुए शासन द्वारा यह सुविधाएं दी जाती हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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