ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित 12 संपत्तियों को अधिग्रहण कार्रवाई के आदेश

Kashish Trivedi
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ओंकारेश्वर, सुशील विधाणी मध्य प्रदेश(madhya pardesh) के इंदौर उच्च न्यायालय(Indore highcourt) द्वारा पारित आदेश के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन द्वारा इंदौर के अहिल्यादेवी खासगी चैरिटेबल ट्रस्ट की मध्य प्रदेश में स्थित कुल 250 से अधिक संपत्ति यों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिग्रहित किया गया है। इसी संदर्भ में शनिवार ओंकार ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग(jyotirling) तीर्थ स्थल में भी इस ट्रस्ट की कुल 12 संपत्तियों को अधिग्रहण करने का आदेश खंडवा जिला कलेक्टर द्वारा दिए जाने के बाद पुनासा तहसील के अनुविभागीय दंडाधिकारी चंद्र सिंह सोलंकी के आदेश पर क्षेत्रीय तहसीलदार उदय मंडलोई ने अहिल्यादेवी चैरिटेबल खासगी ट्रस्ट ओंकारेश्वर में स्थित बारह संपत्तियों को अधिग्रहित करने की कार्रवाई 9 अक्टुबर से प्रारंभ कर दी है। इन संपत्तियों का विधिवत कब्जा लेने की कारवाही प्रशासन द्वारा बनाई गई टीम के द्वारा की गई।

जिसमें तहसीलदार उदय मंडलोई सीएमओ अखिलेश डोंगरे नगर परिषद राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं ट्रस्ट के कर्मचारी मौजूद थे। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ओंकारेश्वर में इस ट्रस्ट की जो सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण संपत्ति है। वह है ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर। जिसका अधिग्रहण भी हो जाएगा इसी मंदिर परिसर से लगी लगभग 3 एकड़ की बगीची एवं उसमें बना पक्का कुआं के साथ ही इस मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित प्राचीन चंद्रमौलेश्वर मंदिर जिसे प्रशासन की भाषा में अधूरा मंदिर भी कहा जाता का अधिग्रहण किया जाएगा।

इसके साथ महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के विष्णु मंदिर परिसर से लगे अहिल्यादेवी खासगी चैरिटेबल ट्रस्ट का बंगला जो कई वर्ष पूर्व इटली के विदेशी नागरिक को अहिल्यादेवी चैरिटेबल खासगी ट्रस्ट द्वारा बेच दिया गया था के साथ मैनेजर के रहने का स्थान सम्मिलित है। उस पार शिवपुरी क्षेत्र में इस ट्रस्ट की जो संपत्तियां है। उनमें नगाड़ खाना के साथ साक्षी गणपति मंदिर घड़ियाल खाना नंदी गढ़ की डेरी मारुति मंदिर सम्मिलित है। जिस पर वर्तमान में भी ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट का कब्जा विगत कई वर्षों से है।

ओंकारेश्वर में अहिल्यादेवी खाजगी चैरिटेबल ट्रस्ट की कुल 12 संपत्तियों में उस पार शिवपुरी क्षेत्र में कुल पांच संपत्ति संपत्तियां जबकि विष्णुपुरी क्षेत्र में दो संपत्तियां तथा ब्रम्हपुरी क्षेत्र में भी दो संपत्तियां जिसमें ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग(jyotirling) मंदिर के साथ चंद्रमौलेश्वर मंदिर सम्मिलित है। इसके अलावा ओमकारेश्वर के नवीन बस स्टैंड से कुछ दूरी पर स्थित प्राचीन तालाब है। इसे भी सैकड़ों वर्ष पूर्व अहिल्यादेवी द्वारा बनवाया गया था। इस तालाब से लगी भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है तो इसके आसपास निर्माण कार्य करने वाले लोगों ने तालाब को मटेरियल से भर दिया है। जबकि पूर्व में इस तालाब में पशुओं के पीने के लिए भरपूर पानी रहता था जो आप दिखाई नहीं देता है।

इसी के साथ भोगावा सनावद मार्ग पर स्थित गंगा बावड़ी सम्मिलित ह्रै कोटि तीर्थ घाट पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही भी की गई। उल्लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई में ओमकारेश्वर श्रीजी ज्योतिर्लिंग(jyotirling) मंदिर में करोड़ों के चल रहे निर्माण कार्य में कुछ मंदिर पूर्व से ही तोड़े गए हैं। शेष निर्माण कार्य में आ चुके हैं ।उन तमाम संपत्तियों को रिकॉर्ड के अनुसार देखरेख कर अधिकारियों का दल देर रात्रि तक कार्रवाई करता रहा।


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