OPS 2024 : पुरानी पेंशन योजना पर लोकसभा में दिए गए बयान से मध्य प्रदेश कर्मचारियों में निराशा, बोले-राज्य सरकार स्पष्ट करें अपनी स्थिति

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 Old Pension Scheme 2024 :लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा उठने लगा है। लोकसभा में केन्द्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना पर दिए गए बयान के बाद अब मध्य प्रदेश के कर्मचारियों में निराशा है। वे भ्रम में हैं कि मध्य प्रदेश सरकार इस बयान के बाद पुरानी पेंशन लागू करेगी या नहीं? उन्होंने राज्य सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।

केन्द्रीय मंत्री के बयान से कर्मचारियों में निराशा

दरअसल, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग बड़े जोर-जोर से की जा रही है । छत्तीसगढ़, राजस्थान ,पंजाब ,हिमाचल  और झारखंड जैसे राज्यों ने पुरानी पेंशन लागू करने के साथ 2005 से नई पेंशन स्कीम में काटे गए पैसे को केंद्र से वापस लेने के लिए प्रस्ताव दिया गया, जिसे केंद्र सरकार द्वारा अमान्य कर दिया गया है ।केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के अनुसार यह पैसा वापस नहीं लौटाया जा सकता है,  ऐसा होने से इन राज्यों में भारी परेशानी उत्पन्न होगी और आने वाले समय में अन्य राज्य भी पुरानी पेंशन लागू करने से बचेंगे।

अपना इरादा स्प्ष्ट करें राज्य सरकार

उमाशंकर तिवारी ने कहा कि पांच राज्यों के हुए चुनाव में भाजपा सरकार द्वारा सरकार बनने से कर्मचारियों में पुरानी पेंशन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है अन्य राज्यों में भी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के जल्दी आसार नजर नहीं आ रहे है। लोकसभा में भी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा है पुरानी पेंशन (ओ पी एस) लागू करने का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है, इससे कर्मचारियों में भारी निराशा उत्पन्न हो गई है तिवारी ने कहा है कि केंद्र से लेकर सभी राज्यों में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करना चाहिए।  पुरानी पेंशन कर्मचारियों का वृद्धावस्था का बहुत बड़ा शहर होती है उसके परिवार की बहुत बड़ी जिम्मेदारियां का निर्वाहन पुरानी पेंशन के तहत मिलने वाली राशि से होता है।

जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में

  • OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
  • NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14% भाग डालती है।नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
  • OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है। ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
  • NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है। नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
  • एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
    OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।

 


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Pooja Khodani

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