Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में उच्च न्यायालय की धीमी न्याय प्रक्रिया से 2018 के शिक्षक भर्ती आवेदकों का खतरे में पड़ा भविष्य, पढ़ें यह खबर

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश 2018 के शिक्षक भर्ती के कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनका भविष्य विवादों में उलझा हुआ है। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में 2018 के शिक्षक भर्ती का मामला अभी भी विचाराधीन है। वहीं अब कई अभ्यर्थी भर्ती का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पदों की कमी के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही है।

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में 2018 के शिक्षक भर्ती का मामला अभी भी विचाराधीन है। दरअसल इसमें कई अभ्यर्थी शामिल हैं जिनका भविष्य विवादों में उलझा हुआ है। जानकारी के अनुसार पिछले पांच वर्षों में, मध्य प्रदेश में विभिन्न भर्तियों में विसंगतियों और आरक्षण की समस्याओं का सामना किया गया है। दरअसल इसका सबसे बड़ा मुद्दा ओबीसी आरक्षण है, जिसकी सीमा को पिछले कुछ सालों में सुलझाया नहीं गया है। हालांकि इसके साथ-साथ नामों की पुनरावृत्ति, पेपर लीक जैसे मामले भी हैं जिन्हे सुलझाया नहीं गया है।

शिक्षक भर्ती 2018 की अध्यक्ष रही रक्षा जैन और रचना व्यास सहित उनके संगठनों कई नेताओं, अधिकारियों और मंत्रियों से भर्ती से जुड़ी गलतियां बताई, लेकिन किसी के द्वारा कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो सकी।

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में उच्च न्यायालय की धीमी न्याय प्रक्रिया से 2018 के शिक्षक भर्ती आवेदकों का खतरे में पड़ा भविष्य, पढ़ें यह खबर

ओबीसी वर्ग के कई आवेदकों ने यह मुद्दा उठाया:

दरअसल ओबीसी आरक्षण से संबंधित कई याचिकाएं और मुद्दे मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं। पिछले कुछ सालों से, ओबीसी आरक्षण की सीमा को 13% से बढ़ाने के कारण, सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग के कई आवेदकों ने यह मुद्दा उठाया है। अब उच्च न्यायालय का कहना है कि किसी भी स्थिति में ओबीसी आरक्षण 14% से अधिक नहीं हो सकता। इसलिए, अगर उच्च न्यायालय इच्छा करे, तो 13% के पदों को सामान्य तरीके से भरकर सभी वर्गों के आवेदकों को लाभ प्रदान किया जा सकता है।

इसके खिलाफ न्यायालय में याचिकाएं दाखिल:

वहीं इस मामले में अधिकांश भर्तियां आरक्षण के कारण प्रभावित हुई हैं। कई अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ न्यायालय में याचिकाएं दाखिल की हैं, लेकिन अब भी मामला लंबित है। दरअसल अभ्यर्थियों का कहना है कि इस तरह की देरी से उनका जीवन और परिवार का भी जीवन संघर्षपूर्ण हो रहा है। वे सरकारी नौकरी की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विवादों के चलते उनका भविष्य अज्ञात है।

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में उच्च न्यायालय की धीमी न्याय प्रक्रिया से 2018 के शिक्षक भर्ती आवेदकों का खतरे में पड़ा भविष्य, पढ़ें यह खबर

अभ्यर्थियों द्वारा यह अपील:

दरअसल अभ्यर्थियों द्वारा यह अपील की जा रही है कि सरकार और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से मध्य प्रदेश के शिक्षक भर्ती मामलों को शीघ्र हल किया जाए ताकि हजारों अभ्यर्थियों को अपने भविष्य के साथ संघर्ष नहीं करना पड़े। शिक्षक भर्ती 2018 के मामले में भी कई विसंगतियां हैं। इस भर्ती में ओबीसी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने के बावजूद, अभ्यर्थियों का चयन पूरा नहीं हो पाया है। साथ ही, भर्ती संबंधित विभिन्न मामलों में विवाद बना हुआ है। जिसके चलते अधिकांश अभ्यर्थी इस मामले के त्वरित हल की मांग कर रहे हैं।

नाराजगी की सबसे बड़ी वजह:

हालांकि नाराजगी की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि जहां 2018 शिक्षक भर्ती विभाग से पूरी हुई नहीं। वहीं 2023 की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा आयोजित कर ली गई, जिसमें 2023 में भी कई अभ्यर्थी अच्छे नंबर लेकर नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं परंतु पदों की संख्या भी नाम मात्र है। आपको बता दें कि इसे लेकर पिछले वर्ष अप्रैल में महिला अभ्यर्थी और उनका संगठन भूख हड़ताल , बूट पॉलिश, सड़क पर भीख मांगना , घास खाना जैसे कई विरोध प्रदर्शन कर चुका है।

शिक्षक भर्ती 2018 के साथ ही, अब 2023 में भी भर्ती संबंधित समस्याओं से जूझ रही है। कई अभ्यर्थी इस भर्ती का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पदों की कमी के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। वहीं अब अभ्यर्थी सरकार और न्यायिक प्रक्रिया को समय सीमा के अंदर न्याय दिलाने की अपील कर रहे हैं, ताकि युवा अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित और स्थिर हो सके।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News