आईएएस बनकर करते थे ठगी, विधायकों के करीबियों को ही बनाते थे निशाना

Published on -

मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस ने आईएएस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्होंने राजस्थान व मप्र में 3 वारदातों को अंजाम देकर 19 लाख की ठगी की है। खास बात यह है आरोपी विधायकों के करीबियों को ही निशाना बनाते थे।

पुलिस ने आरोपियों से 5 एटीएम, 5 मोबाइल, 13 हजार 500 रुपए जब्त किए। गिरफ्त में आये शातिर अपने आप को भारत सरकार का आदमी बता कर ठेकेदारों को करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट्स दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। एसपी हितेश चौधरी ने बताया 10 दिसंबर को अजय आर्य ने शिकायत दर्ज कराई। बताया कि 7 करोड़ रुपए का ठेका दिलाने के नाम पर अज्ञात व्यक्ति ने 6 लाख रुपए की ठगी की। राजस्थान व मप्र में भेजी टीम के आधार पर पटना के आरोपियों की बात सामने आई। बिहार में रुकनपुर थाना प्रभारी एएसआई रंजन व नालंदा तकनीकी शाखा के आरक्षक मुकेश काश्यप की मदद से मामले में मुख्य आरोपी रावत सिटी मुश्तफापुर, फ्लैट नं. 104, खगोल, दानापुर पटना निवासी अभिषेक रंजन पिता रमेशचंद्र रंजन पांडे (35) व उसके साथी रुकनपुरा बेली रोड पटना निवासी अजय पिता रामेश्वर विश्वकर्मा (38), गढहानी जिला भोजपुर बिहार निवासी चितरंजन पिता उमेंद्र चौबे (26) को गिरफ्तार किया गया। मामले में एक अन्य आरोपी अभिषेक की पत्नी सविता फरार है।

एसपी ने खुलासा किया कि गिरोह का मुख्य सरगना अभिषेक आईएएस की तैयारी कर चुका है। पिछले साल सीट नंबर 112 से विधानसभा चुनाव भी लड़ है। वह खुद को आईएएस सौरभ शुक्ला बताता था। उसने ट्रू काॅलर पर भी आईएएस भारत सरकार का लोगों बना रखा था। वह हाईप्रोफाइल ठेकेदारों को कॉल कर जाल में फंसाता था। उन्हें रेलवे लाइन, सड़क निर्माण, रेल पुल एवं अन्य किसी प्रकार का शासकीय टेंडर दिलवाने का प्रलोभन देकर लाखों रुपए की अर्नेस्ट मनी अकाउंट में डलवाता था। आरोपी मप्र, राजस्थान के कई जिलो में भी ठेकेदारों के साथ धोखाधड़ी कर लाखों रुपए ठग चुका है।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News