भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में कोरोना (Corona) का कहर जारी है, थोड़े दिन के लिए आंकड़ों में भले ही राहत मिली हो लेकिन अभी संकट ख़त्म नहीं हुआ है| इसलिए कोरोना काल में लापरवाही भारी पड़ सकती है| मामला मंदसौर जिले (Mandsaur District) से है, जहां अस्पाताल वालों ने कोरोना संक्रमण से मौत के बाद शव को परिवार वालों को सौंप दिया| जिसके कारण पूरे परिवार में कोरोना फेल गया| शव के अंतिम संस्कार के 10 दिन बाद अब मृतक के भाई, पत्नी सहित 14 लोग संक्रमित हो गए हैं।
मामले में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक मंदसौर जिले के शामगढ़ नगर के मूल निवासी एवं उज्जैन जिले के नागदा में मेडिकल व्यवसायी हरिवल्लभ फरक्या को कोरोना हुआ था, जिसके बाद उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया| लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकीय, उनकी मृत्यु हो गई|
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक मृत्यु के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अंतिम संस्कार के लिए शव को परिवार वालों को दे दिया| उनके दामाद ने नागदा में हरिवल्लभ का अंतिम संस्कार किया। उनके शोक निवारण कार्यक्रम के बाद ही परिवार वालों में बीमारी के लक्षण दिखना शुरू हो गए। हफ्ते डेढ़ हफ्ते में कोरोना परिवार में फेल गया|मृतक के तीनों भाई, उनकी पत्नी, बहनें और बच्चों सहित कुल 14 लोग कोरोना संक्रमित हो गए। इनमें से सात इंदौर के अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। शेष होम क्वारंटाइन किए गए हैं।
नियम कहते हैं कि संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर अस्पताल प्रबंधन व प्रशासन उसी शहर में अंतिम संस्कार करवा देते हैं, जहां मरीज की मृत्यु हुई है। लेकिन यहाँ शव को परिवार वालों को गृहनगर ले जाने के लिए सौंप दिया|