मंदसौर/तरूण राठौड़
एक शिक्षक की ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान उदयपुर में उसकी मौत हो गई थी। इनके परिवार को अभी तक प्रशासन द्वारा कोई सहायता नहीं दी गई है जबकि मंत्री सहित जिला कलेक्टर तक ने शिक्षक के परिवार को सहायता का आश्वासन दिया था।
कालूसिंह परमार खूंटी गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। कोरोना संकट के दौरान कालूसिंह परमार की ड्यूटी खाखरियाखेड़ी में सुपरवाइजर के रूप में लगी थी। ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई थी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद उसी क्षेत्र के मंत्री जगदीश देवड़ा और कलेक्टर मनोज पुष्प उनके घर सांत्वना जताने पहुंचे थे और इस दौरान परिवार को सहायता दिलाने की बात कही थी। लेकिन उनके परिवार को अब तक सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली है। परिजन कई बार इसे लेकर गुहार लगा चुके हैं लेकिन तीन महीने बाद भी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।