IPL : सट्टेबाज-सूदखोरों के डर से कई युवाओं ने छोड़ा घर, कई आत्महत्या को मजबूर

Pooja Khodani
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मंदसौर, तरुण राठौर। जिले में इस समय IPL मैच पर जमकर सट्टा लग रहा है। जिसके जिले कई घर बर्बाद हो गए है। पर पुलिस प्रशासन है कि इन सट्टेबाज व सूदखोरों पर कार्यवाही करने की जहमत तक नहीं उठा रही है। जबकि आसपास के शहरों में पुलिस (Police) सट्टेबाज पर रोज कार्यवाही कर रही है। जिसमें कई मंदसौर (Mandsour) के बुकी के नाम भी आए है। इतने के बाद भी पुलिस प्रशासन है कि कुंभकर्णीय नीद से जागने को राजी नहीं है। क्योंकि इन सट्टेबाज (Bookie) व सूदखोरों पर राजनीतिक लोगो से लेकर पुलिस अधिकारियों तक का हाथ है, ऐसे में ये सटोरिए व सूदखोर जिले बेखोफ अपना काम कर रहे है ।

इसी वजह किसी के घर का चिराग बुझ गया है तो किसी के घर का चिराग घर छोड़कर कहीं निकल गए है। परंतु उसके बाद भी बुकी के छर्रे व सूदखोर फिर भी उनके घर रोज जा रहे है। पैसे लेने के लिए परिवार को चमका रहे। जब ये युवक घर छोड़कर नहीं गए थे तो वे इन युवाओं को रोज फोनपर पैसे देने के लिए दबाव बनाते थे। इतना मानसिक परेशान करते थे कि वह मजबूरी में अपना सुखी परिवार छोड़कर कहि बाहर चले गए है। वहां जाकर उन्होंने अपना फोन भी बंद कर लिया है।

वहीं सोमवार को नगर में सट्टेबाज व सूदखोर से परेशान हो युवक ने फांसी लगा ली थी। किन्तु इस केश बाद दो दिन हो गए है। परंतु अभी तक किसी भी बड़े सटोरी तक पुलिस प्रशासन का हाथ नहीं पहुंचा है। जबकि पुलिस को पता है कि इस समय जिले कितने बड़े स्तर पर सट्टेबाज व सूदखोर सक्रिय है। जिसमें मुख्य तौर कालू पंजाबी, चिटू सिंधी, राकेश शर्मा, इकबाल, विनोद काना ओर शेनु शामिल है इसके अलावा और कई बुकी भी है जो गुम नाम है। जिनका का शहर कई युवा लोग देख रहे है। जिन्हें देखकर आप नहीं कह सकते कि यह बुकी का छर्रे है। यदि पुलिस अभी इन लोगो पर कार्यवाही नहीं करती है तो कई और घर बर्बाद हो जाएंगे। परन्तु पुलिस का पूरा ध्यान एनडीपीएस केश पर ही है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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