सीएम के साथ मंच साझा करने वाले मंत्री हरदीपसिंह डंग हुए कोरोना पॉजिटिव, वीडियो के जरिए दी जानकारी

Gaurav Sharma
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मंदसौर, तरुण राठौर। दो दिन पूर्व जिले के गांव सीतामऊ में बिना मास्क के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ मंच साझा करते नजर अए नवेले मंत्री हरदीपसिंह डंग कोरोना पॉजिटव पाए गए है। साथ ही उन्होंने इस की जानकारी वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर शेयर की। जिसमें उन्होंने अपना उपचार भोपाल के चिरायु अस्प्ताल में होना बताया है। जबकि वे दो दिन पूर्व सीतामऊ में हुए कार्यक्रम में पूरे समय मुख्यमंत्री के साथ थे। यही नहीं वे पूरे विधानसभा क्षेत्र में होने उपचुनाव को लेकर रोज गांव गांव सभा भी कर रहे थे। इसके लिए वे अपने साथ भीड़ भी ले जाते थे। वहां पर भी वे कोरोना को लेकर सतर्क नहीं रहते थे।

 

खुलकर सरकार की गाइडलाईन का माखोल उठाते थे। क्योंकि वह सरकार मंत्री जो है और कोरोना उनका क्या बिगड़ सकता है। परंतु आज उनकी यही लापरवाही उनके क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। वे रोज लोगों से मिल रहे थे। कहीं उनकी ये गलती मुख्यमंत्री को भी कोरोना पॉजिटव नहीं कर दे क्योंकि वे मंत्री हरदीपसिंह को उपचुनाव जिताने के लिए सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम करने आए थे। मंत्री हरदीपसिंह को लेकर उनके क्षेत्र से रिपोर्ट अच्छी नहीं आ रही है। यह एक बार नहीं दो बार हो चुका है, जिसमें मंत्री की हार दिखाई गई है, जिसे जीत में बदलने के लिए ये भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें कोरोना को लेकर जो भी गाइडलाईन सरकार ने बनाई थी वह सब की इस कार्यक्रम खुलकर सरकार के मुख्यमंत्री व मंत्रियों धज्जिया उड़ाई गई थी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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