मंदसौर/तरूण राठौड़
म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निदेशानुसार तथा जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष हृदेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में 16 जुलाई, 2020 को जिला न्यायलय परिसर स्थिति ए.डी.आर सेन्टर भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से ऑनलाइन मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम संपन्न किया गया।
कार्यक्रम का उद्धाटन करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने वर्तमान न्याय प्रणाली में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला और अधिवक्तागण को तकनीकी रूप से सशक्त रहने एवं समय के साथ अपडेट होते रहने की सलाह दी। लॉकडाउन के बीच मध्यस्थ द्वारा तकनीकी माध्यमों (whatsapp, Google Meet,, zoom आदि ) से पक्षकरों अधिवक्ताओं से संपर्क कर सुलह के प्रयास किये जाने पर जोर दिया गया।
अपर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संजय जैन ने मध्यस्थता के लाभ के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा मध्यस्थता की जो प्रक्रिया है अन्ततः राजीनामे के निर्णय की प्रक्रिया है। मध्यस्थता राजीनामें से जो निष्कर्ष प्राप्त होता है वह मुकदमे से प्राप्त निष्कर्ष से अच्छा होता है। इसमें दोनों पक्षों में से न तो कोई हारता है न ही कोई जीतता है। मध्यस्थता के विभिन्न पहलुओं पर सरल शब्दों में जानकारी दी गई कि मध्यस्थता क्यो, मध्यस्थता में क्या होता है, मध्यस्थ कौन है। विवादों से होने वाली हानि के संबंध में भी सम्मिलित प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्तागण, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेन्टियर्स एवं पक्षकारों को मार्गदर्शन प्रदान किया साथ ही कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ताओं को आने वाली समस्याओं का निराकरण कर अधिवक्तागण की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया।
कार्यक्रम में शामिल नीमच मनासा एवं जावद के अधिवक्तागण ने कोराना काल में इस तरह के कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताते हुए प्राधिकरण द्वारा आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर बल दियां।