मन्दसौर, तरुण राठौर। शहर सहित जिले में कोरोना का मामला तेजी से बढ़ रहा है। रोजाना 2 दर्जन से अधिक कोविड मरीज सामने आ रहे है। जिन्हें प्रशासन द्वारा प्राइवेट कोविड सेंटर में रहने की समझाइश दी जा रही है। वहीं अगर मरीज प्रायवेट सेंटर में नहीं रहना चाहता है, तो उससे होम आइसोलेशन कर रहे है। ऐसे में मरीज मजबूरी में प्राइवेट कोविड सेंटर को चुन रहे है। जहां पर ये प्रायवेट कोविड संचालक उन मरीजों को जमकर लूट रहे है। वहीं पांच दिन का रहने का बिल ही 50 से 60 हजार बना रहे है। इन बिलो में जिन सुविधा को जोड़ा जा रहा है, उन सब का दाम बाजार मूल्य से चार गुना ज्यादा है। ऐसे में मरीज न चाहते हुए इन प्रायवेट कोविड सेंटर को 50 हजार से लेकर 60 हजार तक का बिल चुका रहा है।
यदि इन सेंटरों में किसी मरीज की हालत थोड़ी भी बिगड़ जाती है तो उसे आगे का इलाज किए बिना रैफर कर दिया जाता। उससे दो गुने पैसे सुविधा के नाम पर ले लिए जाते है। यदि कोई व्यक्ति देने में आना कानी करता है तो उससे वहां से छोड़ा नहीं जाता है। मानो जैसे मरीजों के साथ ये प्रायवेट कोविड सेंटर रंगदारी कर रहे है पर प्रशासन है कि इनकी इतनी दादागिरी के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती। उल्टा उन्हें प्रोत्साहन देती है। क्योंकि इन कोविड सेंटर खोलने की इजात प्रशासन के अधिकारियों ने जो सेटिंग करके अपनी मोटी कमाई के लिए दी।