मंदसौर, तरुण राठौर। लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के बीच प्राइवेट कोविड सेंटर के नाम पर शहर में लूट चल रही है। शहर में चल रही लूट की जानकारी होने के बावजूद प्रशासन द्वारा धृष्टराज की नीति को अपनाते हुए प्राइवेट कोविड सेंटर पर लगाम लगाने की जगह शहर दो और नए प्राइवेट कोविड सेंटर बनाए गए है, जिससे कि जिले प्रायवेट कोविड सेंटर को बढ़ावा मिल सके और अधिकारियों को मुनाफा हो सके।
प्राइवेट कोविड सेंटर में ये अधिकारी बेचारे मरीजों के स्वास्थ्य सेवा के नाम पर मोटी कमाई करते और इसका फायदा प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर प्रायवेट कोविड सेंटर के संचालक को होता। शहर में जो तीन प्राइवेट कोविड सेंटर बनाए गए है, उसके संचालक सत्ताधारी पार्टी से तालुक रखते है या उसी के नेता है, यहां कारण है कि उनकी होटल या रिसोर्ट में ये प्रायवेट सेंटर बनाएं गए है जिससे उन्हें फायदा हो सके।
वहीं कोरोना से जूझ रहे मरीज ने बताया कि उसकी कोरना की रिपोर्ट पोजेटिव आई थी और अच्छे इलाज के लिए उसने प्राइवेट कोविड सेंटर ऋतुवन को चुना था। क्योंकि उसे लगा कि उसकी वहा अच्छी देखभाल हो सकेगी। परन्तु उससे क्या मालूम था कि यही प्रायवेट कोरोना सेंटर ऋतुवन उससे रहने का एक दिन का किराया 1500 रुपए लेगा। साथ ही डॉक्टर और नर्स के नाम पर पैसे अलग से लिए जाएंगे। रोज की उनकी पीपीटी किट का पैसा अलग से लिया गया, साथ ही खाने के पैसे भी अलग से लिए गए। कोरोना से संक्रमित मरीज का प्रतिदिन लगने वाले चार्ज के हिसाब से कुल 60 हजार तक का बील बना है, वहीं उसकी दवाईयां 40 हजार की आई है।