मुरैना में ट्रक पर मौत की तेज रफ्तार, वीडियो वायरल

मुरैना, संजय दीक्षित। सिटी कोतवाली स्थित एनएच-3 हाईवे अंबाह बायपास चौराहा पर आज ट्रक क्रमांक एचआर38-डब्ल्यू-3268 ने बाइक सवार युवक को टक्कर मार दी। वहां खड़े युवकों ने ट्रक ड्राईवर को पकडऩे का प्रयास किया। इसी दौरान ड्राईवर ने ट्रक को हाईवे पर दौड़ाना शुरू कर दिया। दो युवक ट्रक के बम्पर पर चढ़े हुए थे और ड्राईवर को तेज रफ्तार में दौड़ाए जा रहा था। इस नजारे को देखने वाले लोगों के होशफाख्ता हो गए।

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ट्रक पर चढ़े युवकों के साथियों सहित अखिल भारतीय गुर्जर युवा महासभा के संभागीय अध्यक्ष बल्ली गुर्जर भी अंबाह बायपास चौराहा पर मौजूद थे। गुर्जर सहित युवकों के साथियों ने अपने दुपहिया वाहनों से ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया। ड्राईवर ट्रक को तेज रफ्तार में दौड़ाता हुआ फ्लाईओव्हर को पार कर ग्वालियर की ओर बढ़ता जा रहा था। फ्लाईओव्हर से नीचे उतरते ही ट्रक का पीछा कर रहे युवकों ने न्यू कलेक्ट्रेट चौराहा पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस के जवान को चीखते हुए ट्रक को रुकवाने के लिए कहा, तब तक ट्रैफिक जवान भी पूरा मांजरा भांप चुका था। पुलिस और युवकों ने मिलकर न्यू कलेक्ट्रेट चौराहा पर ट्रक को रोक लिया, तब कहीं जाकर ट्रक के बम्पर पर चढ़े युवकों को सकुशल बचाया जा सका। ट्रक ड्राईवर की खासी धुनाई करने के बाद युवकों ने उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया। ट्रक को जप्त कर सिविल लाइन थाने में रखा गया है। खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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