मुरैना में कांग्रेस पार्टी को लगा बड़ा झटका, पूर्व विधायक ने थामा भाजपा का दामन

Amit Sengar
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Morena News : लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं का आयाराम गयाराम चल रहा है, विधानसभा में टिकट नहीं मिलने से नाराज मुरैना के पूर्व विधायक राकेश मावई ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। और आज वे भाजपा में शामिल हो गए यह सदस्यता उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय में जाकर ग्रहण की। मंत्री सिंधिया ने उन्हें भाजपा का प्रतीक चिन्ह पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया है।

राममय हो रहा पूरा भारतवर्ष

बीजेपी में शामिल होने के बाद राकेश मावई ने कहा कि इस समय भारतवर्ष पूरा राममय हो रहा है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। कांग्रेस को इस कार्यक्रम का निमंत्रण मिलने के बाद भी उससे दूरी बना ली। पार्टी के इस निर्णय से मैं बड़ा आहत हूं। इसके बाद ही मैंने कांग्रेस छोड़ने का निर्णय कर लिया। सिंधिया जी मेरे हमेशा से नेता रहे है अब एक फिर उनके मार्गदर्शन में रहकर भारतीय जनता पार्टी में काम करुंगा।

हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए है जिसमें कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक राकेश मावई का टिकट काट दिया था जबकि उन्हें विश्वास था कि पार्टी दोबारा टिकट देकर चुनाव लड़ने का मौका देगी। लेकिन पार्टी आला कमान ने ऐसा नहीं किया। पार्टी ने उनकी जगह दिनेश गुर्जर को टिकट दे दिया। इस बात को लेकर राकेश मावई नाराज हो गए थे। जिसके चलते उन्होंने घोषणा की थी, कि वे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का किसी भी प्रकार का कोई सहयोग नहीं करेंगे। उन्होंने यहां तक कहा था कि, वह चुनाव में दिनेश गुर्जर का साथ भी नहीं देंगे और न ही उनके कार्यकर्ता साथ देंगे।

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कांग्रेस पार्टी को जब पूर्व विधायक राकेश मावई की नाराजगी की खबर मिली तो उन्होंने उन्हें मनाने का प्रयास किया और लोकसभा चुनाव के लिए मुरैना श्योपुर संसदीय क्षेत्र का प्रभारी भी नियुक्त कर दिया। फिर भी नाराजगी दूर नहीं हुई। अंत में उन्होंने अपने नेता के समक्ष भाजपा का दामन थाम लिया। साथ ही शिवपुरी के पूर्व जनपद अध्यक्ष पारस सिंह रावत ने भी बीजेपी ज्वाइन की।

मुरैना से नितेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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