मुरैना।
जिले में पढ़ी-लिखी एक बेटी इन दिनों विश्वव्यापी महामारी कोरोना से बचने के प्रयासों में भागीदार बनी हुई है। डा.हिमांशा सिंह नाम की यह बेटी इन दिनों ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की लैब में दुनियाभर के साइंटिस्ट टीम के साथ मिल कर कोरोना का इलाज ढूंढने लगी एक टीम का हिस्सा है।
ब्रिटिश सरकार ने करोड़ों की इस रिसर्च के लिए टीम को 18 अरब रू से ज्यादा दिए हैं। हिमांशा का कहना है कि अभी कोराना की वैक्सीन का चूहों पर उपयोग चल रहा है और इसके उपयोग से सामने आया है कि कोरोना का प्रभाव धीरे धीरे कम हो रहा है ।कोरोना की वैक्सीन के बारे में उनका कहना है कि जुलाई तक इस बारे में कोई अच्छी खबर मिल सकती है बाकी यह बाजार में कब तक आएगी और उसका क्लिनिकल टेस्ट कहां होगा या वैक्सीन कैसे बनेगी यह सरकार की पॉलिसी पर निर्भर करेगा
कोरोना के बारे में डॉक्टर हिमांशा ने बताया कि यह पैंगोलिन नामक जानवर से इंसान में पहुंचा है ।चीन में इसलिए वाइल्डलाइफ के जानवरों की खाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना से निपटने के प्रयासों को उन्होंने ऐतिहासिक बताया और कहा कि अभी तक पूरे विश्व में कोई भी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इतने सटीक और कठोर प्रयास नहीं किए हैं ।कोरोना की दवाई बनाने के लिए वैज्ञानिकों की अलग टीम लगी हुई है, यह जानकारी भी हिमांशा ने दी।हिमान्शा ग्वालियर चंबल संभाग के भाजपा के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक मनोज पाल सिंह और श्रीमती सरोज सिह की बेटी हैं।