मुरैना में पार्षद ने नगर निगम कर्मचारी के साथ की मारपीट, पुलिस में मामला दर्ज

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Morena News: मध्य प्रदेश के मुरैना में बढ़ती हुई गुंडागर्दी पर लगाम नहीं लग पा रही है। आए दिन कोई ना कोई ऐसी वारदात शहर में घटित होती रहती है जिसके कारण पूरा जिला सुर्ख़ियों मैं रहता है। इसका कारण चाहे प्रशासन का सख्त रवैया न अपनाना हो या फिर दबंग लोगों के अंदर से पुलिस का भय खत्म हो गया हो। कारण कोई भी रहा हो परंतु मुरैना शहर में बढ़ती हुई गुंडागर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसी ही मारपीट की घटना नगर निगम कर्मचारी सूरज सिंह तोमर जो कि सहायक ग्रेड 3 के पद पर नगर निगम में पदस्थ है उनके साथ गुरूवार को घटित हुई है।

लकड़ियों को लेकर हुआ विवाद

मिली हुई सूचना के मुताबिक वार्ड नंबर 17 के पार्षद विनीत कंसाना और उसके कुछ साथियों ने कार्यालय में पहुंचकर सूरज सिंह तोमर के साथ मारपीट की। नगर निगम के आदेश के मुताबिक इस समय जगह जगह पर ठंड ज्यादा होने की स्थिति में अलाव जलाने के लिए लकड़ियां बटवाई जा रही हैं। सूरज सिंह ने लकड़ियों से भरी हुई गाड़ी पार्षद विनीत कंसाना के वार्ड में भेजी तो उसमें से उनके लिए कुछ लकड़ियां उतारती थी। लेकिन पार्षद विनीत कंसाना ने पूरी गाड़ी की लकड़ियां उतरवा ली। जिसको लेकर सूरत और विनीत में फोन पर बहस हुई और विनीत कंसाना जो की पार्षद हैं उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर कार्यालय में आकर गाली गलौज कर मारपीट की। जिससे सूरज सिंह के हाथ मे फ्रैक्चर हो गया। वहीं गुरूवार को पूरे नगर निगम में इस बात को लेकर कर्मचारियों ने तालाबंदी की और गुंडागर्दी का विरोध करते हुए कोतवाली में पार्षद विनीत कंसाना व अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।