मुरैना, संजय दीक्षित। कोरोना काल में सफाई कर्मचारियों को एक तरफ मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना योध्या (Corona Warriors) का दर्जा दिया गया है तो वहीं दूसरी ओर उनके सम्बंधित अधिकारी वेतन नहीं दे रहे हैं। सफाई कर्मचारियों को वेतन ना मिलने से परिवार का भरण पोषण करने का संकट खड़ा हो गया हैं। गुरुवार को समस्त स्वच्छता शाखा, वाहन शाखा, जल शाखा के मास्टर कमर्चारियों को वेतन ना मिलने को लेकर बानमोर तहसीलदार सर्वेश यादव को ज्ञापन सौंपा गया है।
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कर्मचारियों का कहना है कि जब से सीएमओ सियाशरण यादव और लेखापाल अशोक यादव ने बानमोर नगर परिषद में चार्ज लिया है तब से अपनी मनमानी कर रहे हैं। कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रहे हैं। आवेदन देकर तहसीलदार को अवगत कराया है कि मार्च माह का वेतन 24 दिवस का दिया गया था और अप्रेल माह का वेतन आज दिनांक तक नहीं दिया गया है। अगर सीएमओ साहब और लेखापाल से वेतन के संबंध में कर्मचारी चर्चा करते है तो सीएमओ व लेखपाल द्वारा कर्मचारियों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं और डांट फटकार लगाकर कर्मचारियों को भगा देते है।
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जानकारी के अनुसार स्वीकृति समाप्त होने के उपरांत बिना स्वीकृति के कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है। सीएमओ द्वारा अभी तक प्रशासक के यहां से स्वीकृति नहीं ली गई है। कोरोना महामारी में बिना स्वीकृति के कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। अगर किसी कर्मचारी के साथ कोई घटना घटित होती है तो उसकी जवाबदेही मुख्य नगर पालिका अधिकारी बानमोर की होगी। कोरोना काल में वेतन न मिलने के चलते परिवार के भरण पोषण के साथ ही कई तरह की परेशानी आ रही है।
तहसीलदार ने दिया वेतन दिलाने का भरोसा
हाल ही में नगर परिषद बानमोर में कंप्यूटर ऑपरेटर रवि सिंघल ने वेतन न मिलने के कारण आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी जिसके कारण उसने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर तीन दिवस के अन्दर वेतन नहीं मिला तो सभी कर्मचारी काम बंद हड़ताल कर चले जायेगें। इस पूरे मामले में तहसीलदार सर्वेश यादव का कहना है कि मुझे आज ही आवेदन के द्वारा पता चला है कि इनको वेतन नहीं मिला है। आज ही सीएमओ एवं लेखपाल से इस संबंध में चर्चा कर वेतन दिलाने की कार्रवाई करवाता हूं। कर्मचारियों की समस्या का हल किया जाएगा।