मुरैना। मध्य प्रदेश का नाम बीते कई सालों में जेल ब्रेक कांड की वजह से बहुत बदनाम हुआ था। सिमी सदस्यों के जेल से फरार होने के बाद बीजेपी की पूर्व सरकार की किरकिरी हुई थी। सत्ता परिवर्तन के बाद भी लेकिन जेलों का हाल नहीं सुधरा है। मुरैना जिले की अंबाह जेल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। यहां जेल के चार दिवारी की सुरक्षा के बजाए खुले में चल रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस जेल में कोई भी बाहरी व्यक्ति जेल में सामान फेंक जाता है। और जेल प्रशासन इसको रोकने में पूरी तरह से असमर्थ है। यही नहीं इस जेल में कैदियों का खौफ इतना है कि वह जेलर को भी धमका देते हैं।
दरअसल, जेल महकमा अंबाह जेल की सुरक्षा को नजर अंदाज कर रहा है। अंबाह जेल की तरह मुरैना जिला जेल में भी अब तक सीसीटीवी कैमरे और जैमर नहीं लग पाए हैं। अंबाह उप जेल में जेलर को कैदियों द्वारा जान से मारने की धमकी देने दिए जाने की बात सामने आई थी। यह जेल में घटी इस तरह की पहली घटना नहीं थी। इससे पहले भी जेल पर फायरिंग किए जाने और जेल के भीतर मोबाइल सिम व फोन के प्रयोग होने के प्रमाण मिलने की घटनाएं भी हो चुकी हैं।
पुलिस को लगना पड़ा था जैमर
अंबाह जेल में मोबाइल फोन के प्रयोग की बातें पता चलने की घटना के बाद साल भर पहले अंबाह पुलिस ने उप जेल में अपनी तरफ से जैमर लगाया था। लेकिन पुलिस को जब दूसरे काम के लिए जैमर की आवश्यकता पड़ी तो यह जैमर वापस ले लिया गया। इस दौरान जेल विभाग अंबाह जेल को जैमर उपलब्ध नहीं करा पाया।