Morena News : शासन स्तर से नदियों में गंदे व केमिकल युक्त पानी को छोड़े जाने को लेकर सख्ती से पाबंदी लगाने के निर्देश हैं, लेकिन औद्योगिक इकाइयों पर शासन के फरमान बेअसर हैं। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र से आ रहा है। जहाँ करुआ गांव में एमएल फूट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा चिलेक्स (रिफाइनरी) प्लांट का केमिकल युक्त पानी न केवल आसन नदी में छोड़ा जा रहा है, बल्कि किसानों के खेत में निकला जा रहा है। जिससे आसन नदी के जलीय जीव-जंतु मर रहे हैं, वहीं किसानों की सैकडों बीघा में खड़ी बाजारा की फसल नष्ट हो गई है। इसके अलावा पेड़-पौधे भी सूख गए हैं।
ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त
बता दें कि फैक्टरी मालिक की इस करतूत से करूआ व आसपास के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है तथा उन्होंने फैक्टरी के बाहर प्रदर्शन किया। जिसकी जानकारी मिलने पर नूराबाद थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराने की कोशिश की। और मौजूदा ग्रामीणों से पुलिस ने कहा कि वे कार्रवाई के लिए अधिकृत नहीं हैं तथा वे अपनी बात कलेक्टर के समक्ष रखें। वह इस पर कार्रवाई करेंगे।
यह है मांग
ग्रामीणों का कहना है कि फैक्टरी मालिका द्वारा आसन नदी व खेतों में छोड़े जा रहे जहरीले पानी की शिकायत वे कलेक्टर व कमिश्नर को कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि 28 सितम्बर को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर फैक्टरी मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग।
बगैर ट्रीटमेंट किए खेतों व नदी में छोड़ा जा रहा पानी
ग्रामीण वीरेंद्र कुशवाह ने बताया कि पीना से तेल निकालने के लिए कैमिकल युक्त पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इस कैमिकल युक्त पानी को ट्रीटमेंट करने के बाद बाहर डिस्चार्ज किया जाता है। लेकिन फैक्टरी मालिक द्वारा कैमिकल युक्त पानी का ट्रीटमेंट नहीं कराया जा रहा है तथा कैमिकल युक्त पानी आसनी नदी या किसानों के खेतों में छोड़ा जा रहा है। जिससे उनकी बाजरा, ग्वार व अन्य फसल नष्ट हो गई तथा खेतों के आसपास लगे पेड़ पौधे भी नष्ट हो गए।
मुरैना से नितेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट