Morena News : मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए कृषक न्याय योजना लेकर आएगी। योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पावर तक के स्थायी एवं अस्थायी पंप पर निःशुल्क बिजली प्रदान की जाएगी। किसान कर्ज के बोझ से मुक्त हो और सम्मान के साथ सिर पर पगड़ी धारण कर सके, इसके लिए किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। शिवराज सरकार में अत्याचार का विरोध करने पर किसानों के ऊपर अन्याय पूर्ण मुकदमे डाले गए हैं। दमनकारी कृषि कानूनों का विरोध करने, कथित विद्युत चोरी, उपज के विक्रय एवं खाद की कमी के कारण किसान आंदोलन में जिन किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं, उनकी समीक्षा कर यह मुकदमे वापस लिए जाएंगे। किसानों के कृषि उपयोग के पुराने बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जायेगी। किसानों को 12 घंटे पर्याप्त और निर्बाध बिजली उपलब्ध करायेंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की।
झूठे लगाए मुकदमे भी होंगे वापस
कृषि की बढ़ती लागत और डीजल के आसमान छूते दामों को देखते हुए किसानों को राहत देने के लिए कांग्रेस पार्टी कृषक न्याय योजना को प्रदेश में लागू करने के लिये वचनबद्ध है। हमने योजना के पहले चरण में कर्ज माफी की गारंटी दी है, हम दूसरे चरण में किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पावर तक के पंपो के लिये निशुल्क बिजली उपलब्ध करायेंगे। हम किसानों के दर्द को समझते हैं, बिजली की कमी, खराब ट्रांसफार्मर्स को बदलने, बिजली चोरी के झूठे आरोप और दमन के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को भी वापस लेंगे।
मुख्यमंत्री कर रहे झूठी घोषणाएं
मध्य प्रदेश का किसान और आमजन महंगे बिजली बिल की वसूली और भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। प्रदेश के गांवों में 10-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है। शिवराज जी ने मध्यप्रदेश को अंधकार युग में धकेल दिया है। जो शिवराज विपक्ष में रहकर कहते थे कि बिजली के बिल मत चुकाना, मामा है ना और कहते थे कि इनवर्टर मत खरीदना, आज उन्हीं मामा जी ने मध्य प्रदेश को इनवर्टर की जगह जनरेटर युग में धकेल दिया है। गांव में बिजली आती नहीं है, गिरती जरूर है। मामा की बिजली किसानों के ऊपर गिर रही है, लेकिन किसानों की मोटर नहीं चल रही है।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था और समाज-व्यवस्था खेती पर टिकी है, जिसका आधार स्तंभ हमारे किसान भाई हैं। लेकिन किसान भाइयों का सम्मान करने के बजाय शिवराज सरकार ने 18 साल में किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों को एमएसपी पर दिया जाने वाला बोनस बंद कर दिया है। शिवराज सरकार ने किसानों को परेशान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जब खाद की आवश्यकता होती है तो किसान को खाद नहीं मिलता, जब बीज की जरूरत होती है तो बीज नहीं मिलता और जब फसल पक कर तैयार होती है तो उसे बेचने के लिए सही न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता। वहीं समर्थन मूल्य बढ़ाने का शिवराज सरकार कोई प्रयास नहीं करती और मौन धारण करके बैठ जाती है।
शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के सामने रीवा के कार्यक्रम में झूठी घोषणा कर दी कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी दुगनी से अधिक हो गई है, जबकि सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी पहले से और कम हो गई है। मोदी सरकार की संसदीय समिति ने दिसंबर 2022 में यह बताया है कि मध्य प्रदेश देश के उन 4 राज्यों में शामिल है जिसके किसानों की आमदनी बहुत अधिक घट गई है। वर्ष 2015-16 में जो आमदनी 9740 रूपये प्रति माह थी, वह घटकर 8339 रूपये प्रति माह रह गई है। देश के सभी बड़े राज्यों में आमदनी के मामले में मध्य प्रदेश के किसान बहुत नीचे हैं। खेती की लागत कम करने के लिए बहुत जरूरी है कि किसानों को फायदा पहुंचाया जाए और उन्हें मुफ्त बिजली दी जाए। कांग्रेस सरकार द्वारा पांच हॉर्स पावर के सिंचाई कनेक्शन पर बिजली मुफ्त देने से प्रदेश के करीब 37 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
मध्य प्रदेश की जनता वह दृश्य भूली नहीं है, जब किसानों से बिजली बिल की वसूली करने के लिए उनके मवेशी खोल लिए गए, उनके घर से सामान उठा लिए गए और यहां तक कि महिलाओं को अपमानित करने में भी कमी नहीं छोड़ी गई। शिवराज सरकार के बिजली बिल वसूली आतंक से मध्य प्रदेश की जनता हाहाकार कर रही है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने इस तरह के मुकदमे वापस लेने का संकल्प किया है। किसानों के कृषि उपयोग के पुराने बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जायेगी। किसानों को 12 घंटे पर्याप्त और निर्बाध बिजली उपलब्ध करायेंगे।
कांग्रेस पार्टी किसानों के हित के लिए सरकार बनने पर किसान कर्ज माफी लागू करेगी। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश में पनप रहे नकली बीज बनाने वाले माफिया पर नकेल कसी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की रक्षा के लिए फसल बीमा की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। शिवराज सरकार ने हमेशा किसान विरोधी रुख अपनाया है। मध्य प्रदेश में भाजपा राज में 20489 किसानों ने आत्महत्या की है। एक तरफ शिवराज सरकार किसान सम्मान निधि की बात करती है तो दूसरी तरफ प्रदेश के लाखों किसानों को जानबूझकर अपात्र घोषित कर, उन्हें रिकवरी के नोटिस दिए गए हैं। किसानों को फसल बीमा की राशि समय पर नहीं मिल रही है।
शिवराज सरकार ने 2017 में मंदसौर में किसानों पर गोली चलाई थी। लेकिन अपने किसान विरोधी स्वरूप का परिचय देते हुए शिवराज सरकार ने आज तक मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखी है। जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन काले कृषि कानून बनाए तो शिवराज सरकार ने उसका पूरा समर्थन किया। इन तीनों काले कानूनों का मकसद किसानों की जमीन कुछ पूंजीपतियों के हाथ में पहुंचाना था। इन कानूनों का विरोध करने में 700 से अधिक किसानों की मृत्यु हो गई। इन किसानों की हत्या के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है।
कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी शुरू की थी और पहले चरण में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया था लेकिन प्रदेश में सौदेबाजी से बनी भाजपा सरकार ने किसान कर्ज माफी समाप्त कर किसानों को एक बार फिर से कर्ज के दलदल में धकेल दिया। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के 38 लाख किसान डिफाल्टर हो गए।किसानों को बाढ़, अतिवृष्टि और ओलावृष्टि सहित कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का मुआवजा भी शिवराज सरकार ने सही समय पर नहीं दिया है।
इन हालात को बदलने के लिए कांग्रेस पार्टी दृढ संकल्पित है। हम किसानों को मुफ्त बिजली देंगे, हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे, हम किसानों को सही समय पर और सही मूल्य पर खाद और बीज उपलब्ध कराएंगे। उन्हें न्यायोचित न्यूनतम समर्थन मूल्य समय पर उपलब्ध कराएंगे। इस तरह कांग्रेस सरकार मध्यप्रदेश के किसान को मुसीबत से खुशहाली की तरफ ले जाएगी और मध्य प्रदेश के किसान की आमदनी देश के समृद्ध राज्यों के किसानों से मुकाबला करेगी।
मुरैना से नितेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट