Morena News : वन विभाग की जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्ष भिड़े, दो लोगों को गोली लगी, हालत गंभीर

Atul Saxena
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Morena News : आपस में किसी बात को लेकर विवाद तो आपने सुने और देखे होंगे लेकिन सरकारी जमीन पर कौन कब्ज़ा करेगा इसे लेकर विवाद होना आश्चर्य में डालने वाली बात है लेकिन ये सच है। बात बात में गोली चलना जहाँ आम बात है वहां सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करना भी कोई बड़ी बात नहीं है, अब आप समझ गए होंगे कि खबर की ये भूमिका चंबल अंचल के लिए बांधी जा रही है …

वन विभाग की जमीन पर कब्ज़ा करना चाहते हैं दोनों पक्ष 

हम बात कर रहे चंबल अंचल के मुरैना जिले की जहाँ आज एक बार फिर गोलियां चल गई जिसमें दो लोग घायल हो गए, मामला वन विभाग की जमीन पर कब्जे को लेकर है, दरअसल पहाड़गढ़ तहसील में निरार थाना क्षेत्र के चाचुल गांव में दो गुटों में वन विभाग की जमीन के कब्जे को लेकर लंबे समय से तनातनी चली आ रही है, पहले भी दोनों पक्षों के बीच में झगड़ा हो चुका है और गोली चल चुकी है जिसमें राम लखन गुर्जर को दूसरे पक्ष की ओर से गोली मारी गई परंतु वह इलाज के बाद ठीक हो गया था।

पहले भी हो चुका है विवाद चली थी गोली 

ठीक होने के बाद राम लखन ने दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की पिटाई कर दी थी जिसको लेकर आज शनिवार सुबह दोनों गुटों में फिर विवाद हुआ और गोली चल गई जिसमें दोनों पक्ष के एक-एक लोग घायल हो गए,  इनमें बीरबल गुर्जर को छाती में गोली लगी है और हरिओम को गर्दन में गोली लगी है, बड़ी बात ये है कि दोनों पक्ष वन विभाग की जमीन पर कब्ज़ा करना चाहते हैं इसलिए एक दूसरे के खून के प्यासे बने रहते हैं।

घायलों की हालत गंभीर, ग्वालियर रेफर 

सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को लेकर जौरा अस्पताल पहुंची जहां से उन्हें तुरंत मुरैना जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है लेकिन हालत गंभीर देखते हुए घायलों को ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया, पुलिस ने इस घटना के बाद मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश कर रही है।

मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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