मुरैना पुलिस ने पेश की मानवता की मिसाल, सड़क किनारे दर्द से कराहती गर्भवती को महिला पुलिस कर्मी ने पहुंचाया अस्पताल

Amit Sengar
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Morena News : अपराधियों की धर पकड़ के साथ अपराध नियंत्रण करने में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस कई मौकों पर मानवीय संवेदना भी दिखाती है. कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से सामने आया है जहाँ महिला थाने में पदस्थ आरक्षक ने मानवता की मिशाल पेश की है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि जिले में 25 दिसंबर की दरमियानी रात को जीवाजी गंज पार्क में खाटू श्याम का कार्यक्रम आयोजन किया गया था जहाँ महिला आरक्षक की ड्यूटी लगी थी वह अपनी ड्यूटी खत्म कर अपने घर वापस लौट रही थी तभी रास्ते में उनकी दृष्टि एक गर्भवती महिला पर पड़ती है जो दर्द से कराह रही थी। रुककर उससे पूछा कि आपको क्या समस्या है। तभी महिला ने बताया कि मैं गर्भवती हूँ और मेरे पेट में जोर से दर्द हो रहा है। तुरंत ही महिला आरक्षक ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाकर तुरंत भर्ती कराया गया।

जहाँ डॉक्टरों ने गर्भवती महिला की जांच कर महिला आरक्षक को बताया कि अगर आप 10 मिनट भी लेट हो जाती तो मां और बच्चे दोनों की जान जा सकती थी, प्रसव पीड़िता महिला का नाम प्रीति धानुक पत्नी संतोष धानुक उम्र 40 साल निवासी तुस्सीपुरा मुरैना बताया जा रहा है। महिला थाने में पदस्थ महिला आरक्षक 1305 मानवता दिखाते हुए मानवता को शर्मसार होने से बचा लिया।
मुरैना से नितेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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