मुरैना, नितेंद्र शर्मा। विद्युत से जुड़ी समस्याओं को लेकर आए दिन शहर में कोई ना कोई नया विवाद उत्पन्न होता रहता है, चाहे वह बिलों को लेकर हो या फिर विद्युत कर्मचारियों (electrical workers) से ही संबंधित क्यों ना हो। वहीं अपनी मानगो को लेकर करीब 45 हजार से ज्यादा बिजली आउटसोर्स कर्मचारी (power outsource workers strike) समूचे प्रदेश में कामबंद हड़ताल पर है। इसी के चलते मुरैना (morena ) में भी बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों ने राज्य सरकार से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है।
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आउटसोर्स कर्मचारियों के कहे अनुसार अपनी मांगों को लेकर उन्होंने ऊर्जा मंत्री से इस बारे में बात की थी, परंतु एक महीना होने के बावजूद भी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया। आउटसोर्स कर्मचारीयों की मांग है कि -केंद्र सरकार के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार बनाकर तेलंगाना व अन्य राज्यों ने अपने यहां आउट सोर्स दैनिक वेतन भोगी संविदा कर्मचारियों को केंद्र के समकक्ष वेतन प्रदान कर रहे हैं, तो मध्य प्रदेश में भी यही नियम लागू होना चाहिए, साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य कर देना चाहिए, किसी हादसे के दौरान हुई आउटसोर्स कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार मैं से किसी को नौकरी का प्रावधान होना चाहिए, स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरह तीन हजार प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाए, आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके ग्रह स्थान से अधिकतम 5 किलोमीटर से अधिक दूरी पर ट्रांसफर नहीं किया जावे कारण है अल्प वेतन पूरा पैसा खर्च हो जाता है।
ऐसी कई मांगों को लेकर यह आउटसोर्स कर्मचारी 27 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। जिसको लेकर आज उन्होंने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन दिया। आज की स्थिति यह है कि जो परमानेंट कर्मचारी है वह से सरकार से तनख्वाह लेने और ऑफिस में बैठने का कार्य कर रही है। अपनी जान की बाजी लगाकर आम जनता को 24 घंटे विद्युत सेवा देने वाले यह है आउटसोर्स कर्मचारी हैं।