मप्र विधानसभा : मानसून सत्र स्थगित होने के बाद कांग्रेस का हमला, कही ये बड़ी बात

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon Session Of MP Legislative Assembly) भी हंगामे की भेंट चढ़ गया और विपक्ष के हंगामे के बीच 9 अगस्त से 12 अगस्त तक प्रस्तावित मानसून सत्र मात्र डेढ़ दिन में सिमट गया। विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। मानसून सत्र समय से पहले स्थगित किये जाने पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है।

मप्र विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon Session Of MP Legislative Assembly) हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया है। सोमवार 9 अगस्त से शुरु हुआ विधानसभा का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते 4 दिन का सत्र डेढ़ दिन भी ना चल सका और खत्म हो गया। हालांकि हंगामे के बीच आज प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) की तरफ से वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा (Finance Minister Jagdish Deora)  वर्ष 2021-22 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश किया।

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आज विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन महंगाई और ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के आरोप-प्रत्योराप के बीच एक बार कार्यवाही भी स्थगित की गई। ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) ने विधानसभा में गांधी प्रतिमा के पास काला एप्रेन पहनकर प्रदर्शन किया। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने विपक्ष को जमकर घेरा और पूछा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण बरकरार रखने के लिए कांग्रेस ने क्या किया, जवाब दे कमलनाथ ?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कमलनाथ (Kamal nath)से आरक्षण पर किये सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर निशाना साधा।

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केके मिश्रा ने विधानसभा के मानसून सत्र को समय से पहले ही स्थगित कर दिए जाने पर भी सवाल किया। उन्होंने ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवरज सिंह चौहान पर निशाना साधा।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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