MP News: भाजपा में शामिल हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भगवान दास चौधरी, चुनाव से पहले बसपा को बड़ा झटका

Damoh News: लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के दमोह से बसपा को बड़ा झटका लगा है। यहां से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भगवान दास चौधरी ने एक बार फिर पार्टी बदल दी है। इस बार उन्होंने बसपा का साथ छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया है।

Saumya Srivastava
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Damoh News: मध्य प्रदेश में जारी दलबदल के दौर के बीच दमोह से बीएसपी को बड़ा झटका लगा है। दमोह से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और दलित नेता भगवान दास चौधरी भाजपा में शामिल हो गए है। रविवार को सागर जिले के बंडा विधानसभा क्षेत्र के शाहगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री मोहन यादव की आमसभा में चौधरी ने भाजपा की सदस्यता ली है। दमोह से भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी ने भगवानदास सहित उनके समर्थकों को भाजपा की सदस्यता दिलाई है। भगवानदास चौधरी के इस निर्णय के बाद दलित वोट बैंक के एक बड़े हिस्से पर असर पड़ने की उम्मीद है।

पहले कांग्रेस फिर बीएसपी अब भाजपा में हुए शामिल

दमोह के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे भगवानदास चौधरी मूलतः कांग्रेसी नेता रहे हैं और कांग्रेस में वो बड़े दलित नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं। भगवानदास लगातार कई चुनावों से पहले जिले की पथरिया रिजर्व सीट और फिर हुई रिजर्व सीट हटा से कांग्रेस से विधानसभा की टिकट मांगते आ रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन पर विश्वास नही किया। जिसके बाद साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौर में भगवानदास ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया था।

चुनाव से पहले भाजपा को मिल सकता है इसका फायदा

भगवानदास पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यकीन किया और उन्हें दमोह जिले की हटा सीट से बीएसपी का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा, लेकिन भगवानदास का जादू नहीं चला और वो हार गए। कांग्रेस से बसपा में गए भगवानदास कुछ ही महीनों तक मायावती के साथ रह पाए। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उन्होंने एक फिर पार्टी बदल ली और वो भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव के दौरान इस दलित नेता का भाजपा में आना कई तरह के संकेत दे रहा है, खास तौर पर बुंदेलखंड में। बुंदेलखंड इलाके की बात करें तो इस रीजन में भाजपा की नजर दलित वोट बैंक पर है, अमूमन माना जाता रहा है कि इस इलाके का दलित वोट बैंक कांग्रेस के साथ रहा है, लेकिन बीते कुछ चुनाव में ये बड़ा तबका बीएसपी के साथ चला गया और दमोह सहित बुंदेलखंड के कई हिस्सों में बीएसपी का वोट बैंक भी बढ़ा। दमोह जिले के पथरिया से साल 2018 के आम चुनाव में बसपा की राम बाई सिंह विधायक भी चुनी गई, लेकिन पाँच साल बाद यानी 2023 में रामबाई का जादू नही चल पाया और वो चुनाव में तीसरे नम्बर पर आ गई। इन तमाम हालातों के साथ भाजपा की प्लानिंग भी युद्ध स्तर पर जारी रही।

बीजेपी की नजर दलित वोट बैंक पर

बीते साल सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास के भव्य मंदिर की आधारशिला रखकर इस तबके को आकर्षित करने का प्रयास किया था। भाजपा का ये प्रयोग कुछ हद तक सफल भी रहा और विधानसभा चुनाव में इसका असर भी देखा गया, अब सवाल लोकसभा चुनाव का है लिहाजा पार्टी इस तबके पर नजर गड़ाए है और कोशिश में है कि दलित नेता उनकी पार्टी के साथ जुड़े। इस क्रम में दमोह के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का भाजपा में शामिल होना इस रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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