MP News : चोरी के शक में पुलिस ने दिया थर्ड डिग्री टॉर्चर, हाथ-पैर बांधकर 3 दिन तक पीटा, मामले में 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड

MP News : मध्यप्रदेश के ग्वालियर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल मामले के अनुसार एक फल विक्रेता को चोरी के शक में पुलिस ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया है। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई है।

MP News : मध्यप्रदेश के ग्वालियर के जनकगंज थाना क्षेत्र से एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल एक फल विक्रेता को चोरी के शक में पुलिस ने थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया है। जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ-पैर बांधकर उसे बेल्ट से पीटा है। इतना ही नहीं पुलिस ने उसे जूते से भी पीटा और उसके चेहरे पर भी जूतों से मारा है।

वहीं इस थर्ड डिग्री टॉर्चर के चलते उसके होंठ में सूजन आ गई है। इसके साथ ही जानकारी में सामने आया है कि हवालात में पंखे की भी व्यवस्था नहीं थी। पुलिस द्वारा उसे तीन दिन से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। वहीं जानकारी के अनुसार चोरी के संदेह में एक और व्यक्ति को भी पुलिस द्वारा बुरी तरह पीटा गया है।

अस्पताल में भर्ती कराया गया:

दरअसल शनिवार देर शाम जब फल विक्रेता की हालत खराब हो गई, तो उसके परिजन थाने में इकट्ठे हो गए और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं इस मामले में परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मी झूठा आरोप लगाकर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। रात को हवलदार शैलेंद्र दीक्षित, आरक्षक मुरारी और बनवारी शर्मा को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही एसपी धर्मवीर सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार पुलिस ने गोलपहाड़िया निवासी अवधेश खटीक (35) को चोरी के संदेह में गिरफ्तार किया था। जबकि मामले में थाना प्रभारी विपेंद्र सिंह चौहान के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध का वीडियो मिला था। चोरी के मामले के बारे में सीएसपी लश्कर गुप्ता का कहना है कि संदिग्ध की भी जांच की जा रही है।

बिना सबूत के मारा, शराब के मामले में फंसाने की दी धमकी:

दरअसल मामले में अवधेश खटीक, जो जयारोग्य अस्पताल में भर्ती है, ने अपनी आपबीती बताई। उसने कहा कि, “तीन दिन पहले चार पुलिसकर्मी मुझे पकड़कर ले गए। उन्होंने किसी चोरी के बारे में पूछताछ की, लेकिन मैंने कहा कि मुझे कुछ भी पता नहीं है। जनकगंज थाने में हवालात में बंद करके मुझे पीटा गया। थाना प्रभारी भी वहीं थे। उन्होंने धमकी दी कि मुझे शराब के मामले में फंसा देंगे। मेरे बाल खींचे, लात-घूंसों और बेल्ट से मारा। मैंने हाथ-पैर जोड़कर कहा कि मैंने चोरी नहीं की, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। जूते से मारने के कारण मेरे होंठ सूज गए हैं। सिर पर जूते मारने से अब भी दर्द हो रहा है। एक अन्य युवक, कमल घाटगे, जिसे मुझसे एक दिन बाद पकड़ा गया, उसे भी पीटा गया।”

जानिए परिजनों का क्या है कहना?

वहीं थाना प्रभारी के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ के दौरान चोरी का माल कबाड़ी को बेचने की बात कबूल की थी। जबकि परिजनों का कहना है कि यदि पुलिस के पास चोरी के माल बेचने का बयान था, तो तीन दिन में भी अवधेश खटीक की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। पुलिस अवधेश पर झूठे आरोप लगा रही है। तीन दिन तक पुलिस ने न तो अवधेश की गिरफ्तारी दिखाई और न ही परिजनों से मिलने दिया, जिससे वे चिंतित हो गए। ]


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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