MP News: आधार कार्ड जिसे हमारे देश में अति महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। यदि किसी का आधार कार्ड खो हो जाता है या उसके आधार कार्ड में कोई गलती होती है तो उसे नया बनबाने व सुधार करवाने में कई महीने बीत जाते है। इसके लिए उसे कई बार आधार सेंटर के चक्कर लगाने पड़ते है। लेकिन मध्यप्रदेश के बेतवा से एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसे सुनकर अब लोगों में हैरानी हो रही है। इसके साथ ही सरकार पर सवाल खड़े हो रहे है की इतनी बड़ी लापरवाही का जबाबदार कौन है?
दरअसल मध्यप्रदेश की बेतवा नदी में हजारों आधार कार्ड तैरते हुए मिले। जिसके बाद इसपर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल डाक विभाग की लापरवाही के सवाल उठ रहे हैं कि पहचान बताने वाला दस्तावेज कैसे नदी में तैर रहा है? इसमें किसकी लापरवाही है?
कैसे पहुंचे आधार कार्ड नदी में?
बेतवा नदी में हजारों आधार कार्ड कैसे पहुंचे, यह सवाल लोगों के मन में उठा है। इस अजीब मामले ने नदी के किनारे पर तैरते हुए कागज़ात की तस्वीरें देखकर सभी को चौंका दिया है। जानकारी के अनुसार श्रम समिति के सदस्यों ने इन आधार कार्डों को तैरते हुए पाया और उन्होंने इस संगीन मामले को मीडिया और सरकारी अधिकारियों को दिखाया।
डाक विभाग की लापरवाही:
नदी में पाए जाने वाले आधार कार्डों के साथ साथ, इस मामले ने डाक विभाग की लापरवाही को भी सामने लाया है। नियमों के अनुसार, आधार कार्डों को केंद्र से बनकर डाकघर में पहुंचाया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में यह प्रक्रिया बिगड़ गई है। इस अजीब मामले के बाद, लोग सरकारी अधिकारियों से जवाब मांग रहे हैं, और सरकार को इस घटना की जांच करने के लिए कदम उठाने की बात कह रहे है।
बेतवा नदी में हजारों आधार कार्ड मिलने का यह मामला सामाजिक और सरकारी संरचना में लापरवाही का सुझाव देता है। इसे लेकर सरकारी अधिकारियों को सीधे जवाब देने और नदी में इस प्रकार के कागज़ात कैसे पहुंचे, इसका समाधान करने की आवश्यकता है।