रामायण में मिलता है मध्य प्रदेश की इस जगह का वर्णन, गौरवशाली है इतिहास

मध्य प्रदेश में एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद है जिनमें से एक महेश्वर भी है। ये जगह बहुत ही खूबसूरत है और प्राचीन इतिहास अपने अंदर समेटे हुए है।

Diksha Bhanupriy
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MP Tourism: मध्य प्रदेश भारत का एक खूबसूरत राज्य है जो हिंदुस्तान के दिल के नाम से प्रसिद्ध है। भारत के इस दिल में घूमने फिरने के लिए एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद है जो किसी का भी दिल जीत सकते हैं। यहां पर कई सारे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है जो अपने अंदर अद्भुत और अनोखा इतिहास समेटे हुए है। देश में अक्सर देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं और मध्य प्रदेश हमेशा से ही पर्यटन के लिहाज से लोगों के बीच सबसे प्रसिद्ध स्थान रहा है।

वैसे तो मध्य प्रदेश में बहुत सी जगह मौजूद है लेकिन आज हम आपके यहां की जिस जगह के बारे में बता रहे हैं। वहां की खूबसूरती हमेशा पर्यटकों को दीवाना बना देती है। इस जगह को मध्य प्रदेश के वाराणसी के नाम से पहचाना जाता है और यह ऐतिहासिक स्थल आपको अपनी खूबसूरती से मदहोश कर देगा।

खूबसूरत है महेश्वर

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के वाराणसी यानी कि महेश्वर की जो नर्मदा घाट पर मौजूद एक खूबसूरत जगह है। सबसे पहले तो यहां नर्मदा किनारे दूर-दूर तक फैले घाट सबका दिल जीत लेते हैं। यहां से जो मनमोहक खूबसूरती दिखाई देती है उसका दीदार आपको एक बार जरूर करना चाहिए। उसके बाद यहां का ऐतिहासिक किला इतना खूबसूरत है कि यहां जाने के बाद आपका दिल इतिहास के पन्नों में खो जाएगा। महेश्वर के किले से आसपास का नजारा और भी सुंदर दिखाई देता है।

महेश्वर में घूमने की जगह

अगर आप नर्मदा नदी के तट पर मौजूद किसी समय होल्कर राज्य की राजधानी रहे महेश्वर में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां पर आपको एक नहीं बल्कि कई सारे स्थान पर्यटन के लिए मिल जाएंगे। यहां जाने के बाद आप होलकर फोर्ट देख सकते हैं। इसके अलावा मंडलेश्वर, जलेश्वर, राजवाड़ा, पंढरीनाथ मंदिर, अहिल्येश्वर मंदिर, खरगोन, नर्मदा घाट, अहिल्या किला, कसरावद यह सारी जगह काफी खूबसूरत है।

रामायण में है उल्लेख

महेश्वर का इतिहास सालों नहीं बल्कि युगों पुराना है। यह भगवान भोलेनाथ को समर्पित एक शहर है जिसका उल्लेख रामायण में भी मिलता है। इसकी स्थापना सहस्त्रार्जुन ने की थी जो हैहयवंशी राजा थे। इस जगह की स्थापना भले ही युगों पूर्व हो चुकी थी लेकिन पहचान इसे राजमाता अहिल्याबाई की वजह से मिली। अहिल्याबाई बहुत ही धार्मिक और बुद्धिमता स्वभाव की थी और उन्होंने इस जगह को राजधानी बनाया था। यहां पर मराठा वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने देखने के लिए मिलते हैं जो आपका दिल जीत लेंगे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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