MP Weather: मध्य प्रदेश में विपरीत हवाओं का असर, इंदौर समेत 23 जिलों में गरज चमक के साथ हो सकती है बारिश, जानें मौसम का हाल

मानसून मध्य प्रदेश को अलविदा का चुका है, लेकिन आसपास के राज्यों और क्षेत्र में जो स्थिति बन रही है उसके कारण निम्न दबाव पैदा हो रहा है। विपरीत हवाओं का मध्य प्रदेश के दक्षिणी इलाके में प्रवेश भी देखने को मिल रहा है। इसके चलते कुछ जिलों में बारिश का अनुमान जताया गया है।

Diksha Bhanupriy
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MP Weather: मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम की मिजाज लगातार बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। वैसे तो मानसून ने प्रदेश से पूरी तरह विदा ले ली है, लेकिन अभी भी आसपास के राज्यों में चक्रवात की स्थिति की वजह से बारिश का दौर देखने को मिल रहा है। आसपास के राज्य में बन रहे मौसम की वजह से इंदौर, जबलपुर समेत 22 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साइक्लोन की वजह से गलत चमक के साथ कहीं जगह बूंदाबांदी का दौर देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के अधिकांश भाग से मानसून की वापसी हो गई है। इस वापसी के बीच बुधवार को कुछ जिलों में बारिश देखी गई। हालांकि, इसे मानसूनी बारिश नहीं कहा जाएगा क्योंकि 1 जून से 30 सितंबर के मध्य होने वाली बरसात ही मानसून बारिश कही जाती है।

बुधवार को बारिश का दौर

बुधवार की बात करें तो अरब सागर में दो मौसम प्रणालियों बन रही थी, जिसका प्रभाव प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में देखने को मिला। प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में हल्की से मध्यम बारिश का दौर सुबह 8 बजे से शाम 5:30 बजे तक देखा गया। धार, बैतूल, नरसिंहपुर, पचमढ़ी, इंदौर, सतना में बारिश देखने को मिली।

इन जिलों में बारिश के आसार

मौसम विभाग द्वारा जबलपुर, इंदौर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। यहां पर मध्यम वर्षा का दौर देखने को मिलेगा और कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी हो सकती है।

यहां होगी बारिश

आसपास के इलाकों में बन रहे मौसम के कारण मध्य प्रदेश में विपरीत हवाएं प्रवेश कर रही है। इन हवाओं के कारण जबलपुर में बादल छाए हुए हैं और दक्षिणी मध्य प्रदेश में वर्षा का दौर देखा जा रहा है। दो से तीन दिन तक यह स्थिति बनी रह सकती है। यही कारण है कि कुछ जगहों पर मध्यम स्तर तक की वर्षा होने के आसार जताए गए हैं।

एमपी में बारिश की वापसी (MP Weather)

वैसे तो मानसून विदाई ले चुका है लेकिन मिनीकाय और उससे लगे अरब सागर पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। कोंकण से लेकर अरब सागर में जो कम दबाव बना हुआ है उसके कारण एक द्रोणिका बनती दिखाई दे रही है। वहीं एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में अफगानिस्तान के पास दिखाई दे रहा है। राजस्थान पर प्रति चक्रवात का असर है। इन सभी का असर मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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