मास्क संबंधी बयान के लिए नरोत्तम ने जताया खेद ,बोले भवनाओं के विपरीत था बयान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर में बुधवार को मास्क को लेकर दिए गए बयान पर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (home and jail minister narottam mishra) ने खेद व्यक्त किया है। कल पत्रकारों ने नरोत्तम से जब मास्क पहनने के बारे में पूछा था तो उन्होंने कहा था कि वह मास्क नहीं पहनते और बाद में उन्होंने इसकी वजह स्वास्थ्य संबंधी कारण बताई थी लेकिन गुरुवार की सुबह एक ट्वीट के माध्यम से नरोत्तम मिश्रा ने इस बयान के लिए खेद व्यक्त किया है।उन्होने लिखा है”मेरे मास्क के सम्बंध दिए बयान से से क़ानून की अवहेलना महसूस हुई है।

 

मेरा बयान माननीय प्रधानमत्री जी की भावना के अनुरूप नही था । मै अपनी गलती मानता हूँ समाज के सामने खेद व्यक्त करता हूँ। मै स्वयं भी मास्क पहनूँगा और समाज से भी अपील करूँगा कि सभी मास्क पहने और सोशल डिस्टन्सिंग के नियमो का पूर्ण रूप से पालन करें।”


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।