नरसिंहपुर: UP की दो युवतियों की लाश मिली रेलवे लाइन पर, चेन्नई से घर लिए हुई थी रवाना 

नरसिंहपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर से एक चौकने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, यह घटना बुधवार यानी आज दोपहर की है, नरसिंहपुर जिले कि करेली रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर जनौर रेलवे चौकी से आगे लाइन पर दो युवतियों की लाश  बरामद किए गए हैं।  फिलहाल पुलिस प्रशासन इसकी जांच में जुटी है।  बताया जा रहा है कि युवतियों की मृत्यु का कारण ट्रेन से गिरने के कारण हुई है।  सूत्रों के मुताबिक दोनों ही साकेत एक्स्प्रेस से सफर कर रही थी।  जिसका पता पुलिस को टिकट से मिले पीएनआर नंबरों से चला है, उनकी पहचान भी प्रशासन द्वारा कर ली गई है।

यह भी पढ़े…  क्या है Zomato instant सर्विस? आखिर क्यों उठ रहें हैं इस पर सवाल, जाने पूरा मामला

बताया जा रहा है कि एक का नाम पुष्पा राणा (जो मनमोहन राणा की बेटी है) और दूसरी उषा (मोहन राणा) की बेटी है। और द्वारा सूचना मिलने पर युवतियों के परिजन नरसिंहपुर के लिए रवाना हो चुके हैं और  दोनों ही लाशों को पोस्टमार्टम  के लिए भेज दिया गया है। सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती सिरसिया इलाके मोतीपुर कला गांव के निवासी पुष्पा और उषा दोनों ही कला केंद्र के जरिए सिलाई – कढ़ाई सीखने के लिए लखनऊ गई थी,  जहां से पिछले महीने वह चेन्नई के लिए रवाना हो चुकी थी। दोनों ही लड़कियां  21 मार्च को ट्रेन से एक औरत के साथ घर के लिए निकली थी, लेकिन जब  परिवार वालों ने महिला से संपर्क किया तो उसका कहना है कि दोनों ही शौचालय के लिए गई थी,  जिसके बाद उससे उनका कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"