नीमच, कमलेश सारडा। जिले के ग्राम कुचड़ोद में रहने वाले एक युवक ने आत्महत्या करने के इरादे से जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिसे गंभीर अवस्था में नीमच जिला चिकित्सालय लाया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की जेब से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने कुछ दबंगों द्वारा उसे प्रताड़ित करने की बात लिखते हुए उनके नामों का खुलासा किया है। मृतक भाजपा किसान मोर्चा में मंडल उपाध्यक्ष पद पर था।
जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बलवंत दास पिता हरिदास बैरागी उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम कुचड़ोद ने गुरुवार को कोई जहरीली वस्तु खा ली थी जिसे परिजनों द्वारा गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक युवक ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है जो अस्पताल की वार्ड बाई को मिला है सुसाइड नोट में उसने आत्महत्या का कारण भी लिखा है।
बलवंत ने सुसाइड नोट में बताया है कि मेरे परिवार को परेशान ना किया जाए, इस सबका जवाबदार गिरदावर जाबिर खान, पटवारी नवीन तिवारी और पूर्व पटवारी गोपाल दास मोहन है, सुसाइड नोट में उसने कई और नाम भी लिखे हैं। सुसाइड नोट में लिखा हुआ है कि इन लोगों ने हमें बहुत परेशान कर रखा है ट्यूबवेल और रास्ते कब्जा कर रखा है। गुलाब सिंह और गोपाल दास परिवार दबंगई करता है और मेरे परिवार को एनडीपीएस में फंसाने की धमकी देते हैं।
आत्महत्या के मामले में जीरन पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक भाजपा किसान मोर्चा में मंडल उपाध्यक्ष पद पर था। मृतक के परिजनों ने बताया कि पूर्व से ही परिवार में आपसी जमीन विवाद चल रहा था जिसमे फैसला भी मृतक के पक्ष में आया था किंतु फिर भी पटवारी ओर गिरदावर द्वारा उनको न्याय नहीं दिलाते हुए परेशान किया जा रहा था। इस वजह से आत्महत्या कर ली।
वही दूसरी ओर कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए है। उधर पूरे मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि निष्पक्ष जांच पर मृतक के परिजनों को न्याय दिलाया जायेगा।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....