Neemuch News : सावन का पहला सोमवार आज, सुखानंद तीर्थ पर उमड़ी भक्तों की भीड़, पूजा-अर्चना और अभिषेक के लिए लगी लंबी-लंबी कतार

सुखानंद धाम पर सुबह से ही भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक रुद्राभिषेक कर रहे हैंऔर फूल पत्तियां बेलपत्र धतूरा अर्पित कर रहे हैं। भोले शंकर के जयकारों के साथ उनकी स्तुति और वंदना कर रहे हैं।

Amit Sengar
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Neemuch News : आज सावन का पहला सोमवार हैं, सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भोलेनाथ के प्रति प्रगाढ़ आस्था देखी जा रही है। शिवालय पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। हर हर महादेव, भोले शंकर के जयकारें और गुणगान की गगनचुंबी आवाजें मन को हर्षित कर रही है। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सबसे बड़े पर्यटन स्थल सुखानंद तीर्थ की जो जावद मुख्यालय से महज 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

शिवालयों में गूंजा बम-बम भोले

सुखानंद धाम एक ऐसा तीर्थ स्थल है जो चारों धाम की यात्रा के बाद अंतिम यात्रा का पड़ाव बताया गया है यह तीर्थ स्थल सुखदेव मुनि जैसे ऋषि मुनि की तपोभूमि बताई गई है और यह स्थान अरावली पर्वतमाला की श्रेणी में स्थित है करीब 108 सीढ़ीयां चढ़कर दर्शनार्थियों को भोले शंकर के दरबार में पहुंचना पड़ता है पूरा मंदिर अरावली पर्वतमाला की गुफा में स्थित है यहां पर सावन माह के महीने में पूरा महीना भक्तों का हुजूम लगा रहता है दूरदराज से इस स्थान पर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है आपको बता दें कि इसी स्थान पर एक पवित्र गंगा गुफा भी स्थित है और यहां की एक और महिमा है कि इसी पवित्र गंगा गुफा में 12 ही महीने गंगाजल प्रवाहित रहता है ।जन श्रुति है कि इसी गुफा से रोजाना सुखदेव मुनि स्नान करने के लिए हरिद्वार जाते थे तत्पश्चात भोले शंकर की पूजा अर्चना कर जलाभिषेक करते थे उनकी इसी भक्ति को देखकर स्वयं गंगा माता इसी गुफा में प्रवाहित होने लगी तब से इसी गुफा का नाम पवित्र गंगा गुफा हो गया और यहां पर दर्शनार्थि पहुंच कर गंगा स्नान करते हैं।

भक्तों ने किया जलाभिषेक

शिव पुराण के अनुसार बताया गया है कि श्रावण महीने के सोमवार के व्रत और पूजन से सभी अभीष्ट फलों की प्राप्ति होती है। मनुष्य के जीवन के सभी दुख दर्द दूर होते हैं और शिव उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। इसी को लेकर सुखानंद धाम पर सुबह से ही भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक रुद्राभिषेक कर रहे हैंऔर फूल पत्तियां बेलपत्र धतूरा अर्पित कर रहे हैं। भोले शंकर के जयकारों के साथ उनकी स्तुति और वंदना कर रहे हैं।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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